Patna: बेवफ़ा चाय वाला !वैलेंटाइन सप्ताह में केवल फेसबुक पर ही नहीं, मेरे आसपास भी कुछ घट रहा है। मसलन कल मेरे घर के पास एक नया टी स्टाल शुरू हुआ है – बेवफ़ा चाय वाला। स्टाल का युवा मालिक देखने से ही इश्क़ में जबरदस्त मार खाया हुआ लगता है। उसने प्रेमी जोड़ों के लिए चाय की क़ीमत 15 रुपए रखी है, लेकिन प्यार में धोखा खाए लोगों से वह सिर्फ 10 रुपए लेता है।
कल शाम उधर से गुज़रना हुआ तो कुछ देर स्टाल के पास खड़े होकर उसे गौर से देखता रहा था। भीड़ छंटते ही उसकी नज़र मुझपर पड़ी। मुझे देखकर उसके चेहरे पर उलझन के भाव थे। शायद मेरी उम्र के कारण वह फैसला नहीं कर पा रहा था कि मुझे आशिकों की किस श्रेणी का मानकर वह चाय की तैयारी करे। मैंने कहा- ‘तुम्हारी तरह जवानी में मैंने भी बहुत मार खाई है, दोस्त। तुम्हारा दुख मुझसे बेहतर कोई नहीं समझ सकता।’ वह थोड़ा मुस्कुराया तो मैंने फरमाईश की – ‘कुछ ऐसी चाय पिलाओ कि ज़िंदगी से बेवफ़ाओं का ग़म जाता रहे!’ उसने बड़े मनोयोग से मेरे लिए अदरक वाली कड़क चाय बनाई। चाय मस्त थी। मैंने दो कप पी, लेकिन मेरे जवानी वाले दर्द की कद्र करते हुए पैसे उसने एक कप के ही लिए।
मैंने यह कहकर उससे विदा ली कि वैलेंटाइन बाबा की कृपा होगी तो उसकी बेवफ़ा महबूबा एक दिन टूटा हुआ दिल लेकर दस रुपए की चाय पीने उसके बेवफ़ा टी स्टाल पर ज़रूर आएगी। उससे यह वादा भी किया कि मैं अपना पुरातात्विक महत्व वाला दर्द उसकी अदरक वाली कड़क चाय के साथ बांटने रोज़ एक बार उसके टी स्टाल पर ज़रूर आया करूंगा।
-Dhruv Gupt