Patna: लॉकडाउन के बाद पटरी पर आ रहे निर्माण क्षेत्र को फिर से बड़ा झटका लग सकता है। वजह है बिहार में ट्रकों की हुई अनिश्चितकालीन हड़ताल, जिसकी शुरूआत आज से हो गई है। इस हड़ताल की वजह, बालू उठाव करनेवाले ट्रकों के लिए सरकार की तरफ से जारी किया गया नया आदेश है। इस आदेश में बालू उठाव के लिए 14 चक्के से अधिकवाले ट्रकों पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही 14 चक्के और उससे छोटे ट्रकों के लिए बालू उठाव का नया गाईडलाईन तैयार किया गया है। इसके तहत बालू उठानेवाले ट्रकों की बॉडी को 6 फीट से काटकर 3 फीट करना होगा।
ट्रक एसोसिएशन ने तुगलकी फरमान बताया
सरकार की तरफ से जारी किये गए इस फरमान को ट्रक मालिक एसोसिएशन तुगलकी बता रहे हैं। ट्रक मालिकों का कहना है कि ट्रकों की बॉडी काटने का फरमान पूरी तरह से मनमाना फैसला है। उनके मुताबिक सरकार अगर ओवरलोड को कम करने के लिए ऐसा कर रही है तो इसके लिए तो पहले से ही नियम बनें हैं। प्रशासन ओवरलोडेड ट्रकों पर फाईन लगा सकती है और उसपर कड़ी कार्रवाई भी कर सकती है। ऐसे में इस तरह के नियमों का क्या मतलब है।
ट्रक मालिकों के अनुसार बिहार में ट्रकों के लिए बालू और गिट्टी ढुलाई सबसे बड़ा व्यवसाय है। लेकिन अगर कोई ट्रक किसी अन्य सामग्री की ढुलाई करना चाहेगा तो बॉडी काटने के बाद वो नही कर पायेगा। सरकार के इस आदेश के खिलाफ ट्रक मालिकों ने आज पटना सहित पूरे बिहार में धरना प्रदर्शन किया। पटना में दीदारगंज और जीरो-माईल सहित कई स्थानों पर प्रदर्शन हुए।
बाहर से आनेवाले ट्रकों को हड़ताल में मिली छूट
ट्रक ऑनर एसोसिएशन ने बिहार में बाहर से आनेवाले ट्रकों को इस हड़ताल से अलग रखा है। यही वजह है कि बिहार की मंडियों पर फिलहाल इसका असर नही दिख रहा है। लेकिन एसोसिएशन ने साफ कर दिया है कि आनेवाले दिनों में भी मंडियों पर बिहार के हड़ताल का असर नहीं होगा, इसका वादा हम नहीं कर सकते। क्योंकि दूसरे राज्यों तक जब बिहार में ट्रकों के हड़ताल की बात पहुंचेगी तो इससे आवक भी प्रभावित होगी।
बढ़ सकती है बाजार में बालू-गिट्टी की कीमत
ट्रकों के हड़ताल से सबसे अधिक प्रभावित निर्माण क्षेत्र होनेवाला है। क्योंकि हड़ताल से बालू, गिट्टी का उठाव पूरी तरह से बंद हो गया है। ऐसे में अगर हड़ताल लंबी चली और सरकार की तरफ से ट्रक मालिकों से बातचीत नही की गई तो बालू-गिट्टी की बाजार में कमी होगी और फिर इससे इन सामानों की कीमतें बढ़ेंगी।