Patna: RJD पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद के संकटमोचक रहे डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह (Raghuvansh Prasad Singh) इन दिनों नाराज चल रहे हैं. बीते जून में उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. तब से अब तक उन्हें मनाने की कोशिशें नाकाम नहीं हैं. इस बीच जिस रामा सिंह से अदावत के कारण वे नाराज हैं, उन्होंने ही कहा है कि रघुवंश के आरजेडी से जाने पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. इसके पहले तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) ने भी रघुवंश प्रसाद सिंह को औकात बताई थी. अब डैमेज कंट्रोल के लिए खुद लालू ने पहल की है. तेज प्रताप के बयान से नाराज लालू ने बेटे को तत्काल रांची बुलाया है. नाराज रघुवंश के जनता दल यूनाइटेड (JDU) में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं. जेडीयू ने उनका पार्टी में स्वागत किया है. हालांकि, आरजेडी ने इससे इनकार किया है तो रघुवंश प्रसाद सिंह ने उनपर राजनीति नही करने की अपील की है. लेकिन अगर ऐसा होता है तो यह विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) के पहले आरजेडी को बड़ा आघात होगा.
रघुवंश को मनाने की तमाम कोशिशें अभी तक नाकाम
पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह आरजेडी में पूर्व सांसद रामा सिंह को शामिल किए जाने की कोशिश से नाराज हैं. नाराजगी के और भी कारण रहे हैं, लेकिन यह तात्कालिक कारण बना है. इसी नराजगी में उन्होंने जून में पार्टी के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. तब वे पटना के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में कोरोना संक्रमण का इलाज करा रहे थे. लालू प्रसाद यादव ने उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया है. उन्हें मामले की कोशिशें भी जारी हैं. लेकिन उनकी नरराजगी अभी भी कायम है. रघुवंश प्रसाद फिर बीमार हैं. फिलहाल वे दिल्ली एम्स में इलाज करा रहे हैं. बीते शनिवार को वहां उनसे मिलने तेजस्वी यादव गए थे. तेजस्वी ने उन्हें फिर मनाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने. अब खुद लालू प्रसाद यादव ने डैमेज कंट्रोल की कोशिश शुरू की है.
रामा ने डाला आग में घी, तेज प्रताप ने बताई औकात
इस बीच रामा सिंह ने भी रघुवंश प्रसाद सिंह पर हमला बाेल कर आग में घी डाल दिया है. उन्होंने कहा है कि रघुवंश प्रसाद सिंह उनसे 1990 से लोकसभा से लेकर विधानसभा तक चुनाव में हारते रहे हैं. उनसे कोई व्यक्तिगत समस्या नहीं है. साथ ही यी भी कहा कि अगर रघुवंश प्रसाद सिंह आरजेडी छोड़ते हैं तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. इसके पहले लालू के बड़े लाल तेज प्रताप यादव ने रघुवंश प्रसाद सिंह को लेकर कहा कि वे आरजेडी के समंदर में केवल एक लोटा पानी भर हैं. एक लोटा पानी निकल जाएगा तो क्या फर्क पड़ेगा? हालांकि, तेज प्रताप यादव ने बाद में रघुवंश प्रसाद को अभिभावक बताते हुए यह भी कहा कि परिवार में नाराजगी होती है. वे बीमार हैं, स्वस्थ होते ही उन्हें मना लिया जाएगा.
नाराज लालू ने तेज प्रताप को रांची बुलाया
तेज प्रताप जो भी बोलें, लालू यादव आरजेडी में रघुवंश के मायने समझते हैं. वे पार्टी के स्थापना काल से ही लालू के साथ हैं. पार्टी में उनका कद भी बड़ा है. उनकी नाराजगी से लालू परेशान बताए जाते हैं. लालू यादव की कोशिश है कि चुनाव से पहले रघुवंश प्रसाद की नाराजगी दूर की जाए और उन्हेंं पार्टी छोड़ने से रोका जाए. ऐसे में बेटे तेज प्रताप यादव का रघुवंश को आरजेडी के समंदर में एक लोटा पानी बताना उन्हें नागवार गुजारा है. इसके बाद लालू ने खुद अपनी पहल शुरू कर दी है. नाराज लालू ने तेज प्रताप को तुरंत रांची बुलाया है. वे गुरुवार को तेज प्रताप पिता से मिलने वाले हैं.
जेडीयू ने कहा- आरजेडी में हो रहा अपमान, हमारे साथ आइए
रघुवंश प्रसाद सिंह पहले भी नाराज होते व मानते रहे हैं, लेकिन इस बार मामला लंबा खिंचता दिख रहा है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि वे जेडीयू में शामिल हो सकते हैं. यह कयासबाजी भी नई बात नहीं है. जेडीयू ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए उनका स्वागत किया है. जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा है कि तेजस्वी यादव ने कई मौकों पर रघुवंश प्रसाद सिंह की उपेक्षा की है, उन्हें अपमानित किया है. रघुवंश प्रसाद सिंह को आरजेडी का माहौल पसंद नहीं आ रहा है. वे जल्दी ही आरजेडी छोड़ सकते हैं. अगर वे आरजेडी छोड़कर जेडीयू में आना चाहेंगे तो पार्टी उनका स्वागत करेगी.
आरजेडी ने कहा: हमारे हैं रघुवंश, साथ रहेंगे
उधर, रघुवंश प्रसाद सिंह के पार्टी छोड़ने की चर्चाओं को आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने निराधार बताया है. उन्होंने कहा कि रघुवंश प्रसाद सिंह आरजेडी के स्थापना काल से पार्टी में हैं. वे बड़े समाजवादी नेता हैं और सांप्रदायिक शक्तियों के खिलाफ अपनी लड़ाई को कमजोर नहीं पड़ने देंगे.
रघुवंश बोले- बीमार हूं, अभी नहीं करें राजनीति
खुद के बारे में राजनीतिक बयानबाजी पर रघुवंश प्रसाद सिंह ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि अभी वे बीमार हैं, इसलिए राजनीति की बात नहीं करेंगे. स्वस्थ होकर तो फिर उसी दुनिया में आना है. तेजस्वी यादव से अपनी मुलाकात की बाबत उन्होंने कहा कि उस दौरान राजनीति पर कोई बात नहीं हुई.