Patna: अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मामले में महाराष्ट्र के एक बड़े नेता के इशारे पर पटना पुलिस की एसआईटी को बीएमसी वाले क्वारंटाइन करने की फिराक में थी। ऊपर से मिले निर्देश के बाद ही एसपी सिटी विनय कुमार तिवारी को भी क्वारंटाइन किया गया था। यह सबकुछ पटना पुलिस पर दबाव बनाने के लिए किया गया था, ताकि जांच प्रभावित हो सके।
सूत्रों की मानें तो एसआईटी में शामिल पुलिस अफसर छोटे ढाबे में छिपकर खाना खाते थे, क्योंकि मुंबई पुलिस उन्हें अलग-अलग होटलों में तलाश रही थी। सादे लिबास में मुंबई पुलिस एसआईटी की रेकी करती थी।
पुलिस सूत्रों की मानें तो मुंबई पुलिस ने वहां के टैक्सी वालों को भी एसआईटी में शामिल पुलिसवालों की तस्वीर दे रखी थी, ताकि अगर वे गाड़ी पर बैठें तो तुरंत खबर मिल सके। मगर पटना पुलिस को इसकी भनक लग गई थी। इस कारण पुलिस टीम जांच के लिए कई किलोमीटर तक पैदल चलती थी।
डायरी गायब करने में बड़ा खेल
सूत्रों की मानें तो सुशांत की डायरी में उनकी मौत का राज छिपा था। वे रोजाना डायरी में सारी बातें लिखते थे। रिया जब उन्हें छोड़कर 8 जून को चली गई तब वे अकेले रह रहे थे। 8 से 14 दिनों तक डायरी में जो कुछ उन पर हुआ और रिया से किस बात पर झगड़ा हुआ, वह भी लिखे होंगे। सूत्रों के अनुसार उनकी गायब डायरी में कुछ न कुछ ऐसी बातें जरूर लिखी हैं, जो उनकी मौत का खुलासा कर देती, लेकिन उसे गायब कर दिया गया। न यह पटना पुलिस के पास है और न ही मुंबई पुलिस के पास। सुशांत के पिता के वकील विकास सिंह का दावा है कि उस डायरी में कुछ अहम राज होंगे, तभी उसे गायब कर दिया गया। डायरी गायब करने में बड़ा खेल किया गया है।