क्या आपको भी नहीं मिलता ट्रेन का कंफर्म टिकट ? ये भी हो सकती है एक वजह

क्या आपको भी नहीं मिलता ट्रेन का कंफर्म टिकट ? ये भी हो सकती है एक वजह

Patna: अक्सर लोग ट्रेनों के कंफर्म टिकट नहीं मिलने की शिकायत करते हैं। कई बार तो महीनों पहले टिकट कटवाने पर भी वेटिंग में ही टिकट मिलता है। इसका एक बड़ा कारण टिकट के दलाल हैं। बुधवार को बिहार की राजनधानी पटना में आरपीएफ की टीम ने ऐसे ही एक बड़े टिकट दलाल को गिरफ्तार कर लिया है। मोहम्मद कासिफ जाकिर नाम का दलाल के पास से 22 लाख से अधिक मूल्य के टिकट बरामद हुए हैं। जांच में पता चला है कि वह तत्काल प्रो, रियल मैंगो, ए एन एम एस, रेड मिर्ची समेत दर्जनों सॉफ्टवेयर की मदद से टिकट का कारोबार करता था। इन सॉफ्टवेयर की मदद से वह आईआरसीटीसी की वेबसाइट को भी हैक कर लेता था। फिर आसानी से टिकट बनाकर लोगों को महंगे दामों पर बेचता था।

टिकट दलाल बेकरी शॉप में आगे बेकरी उत्पाद बेचा करता था जबकि पीछे में ई टिकट बनाकर टिकट का कारोबार करता था। पकड़े गए दलाल के पास से आरपीएफ ने 2204205 रुपए मूल्य के ई टिकट बरामद किए हैं। वहीं छापेमारी में आरपीएस की टीम ने दलाल के शॉप से लैपटॉप, कंप्यूटर, डेस्कटॉप, सीपीयू, मोबाइल और टिकट के अलावा अन्य सामान बरामद किए हैं। पटना जंक्शन के आरपीएफ पोस्ट प्रभारी वीके सिंह ने बताया कि पटना सिटी में लगातार टिकट दलाल की शिकायत मिल रही थी। शिकायत मिलने के बाद टिकट दलाल पर नजर रखने के लिए फतुहा की टीम लगाई गई थी। लेकिन फतुहा की विशेष टीम के साथ-साथ पटना की टीम इस मामले में नजर रख रही थी। आरपीएफ इंस्पेक्टर का कहना है कि दलाल को आरपीएफ़ की रेकी का पता चल गया था, इसीलिए उसने 5 सितंबर से टिकट बनाना बंद कर दिया था। इस मामले में आरपीएफ़ टीम ने पहले ही रेलवे मजिस्ट्रेट से सर्च वारंट ले लिया था ताकि किसी प्रकार की कोई परेशानी जांच और पूछताछ में नहीं हो।

दर्जनों सॉफ्टवेयर से करता था खेल::
आरपीएफ के इंस्पेक्टर ने बताया कि पकड़ा गया दलाल दर्जनों सॉफ्टवेयर की मदद से तत्काल और ई टिकट बनाया करता था। बुधवार को रात्रि में छापेमारी के बाद जांच में पता चला है कि वह तत्काल प्रो, रियल मैंगो, ए एन एम एस, रेड मिर्ची समेत दर्जनों सॉफ्टवेयर की मदद से टिकट का कारोबार करता था। इन सॉफ्टवेयर की मदद से वह आईआरसीटीसी की वेबसाइट को भी हैक कर लेता था। फिर आसानी से टिकट बनाकर लोगों को महंगे दामों पर बेचता था। यह भी जानकारी मिली है कि वह अलग अलग आईडी बनाने के अलावा डिलीवरी बॉय से टिकटों की सप्लाई कराता था।

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