मिथिलांचल के लोगों के लिए अच्छी खबर! बिहार का मखाना अब विश्व भर में होगा Export

मिथिलांचल के लोगों के लिए अच्छी खबर! बिहार का मखाना अब विश्व भर में होगा Export

Patna: केन्द्र सरकार ने मखाना की ब्रांडिग के साथ निर्यात की घोषणा की तो राज्य सरकार ने इस कृषि उत्पाद की जीआई टैंगिंग की पहल शुरू कर दी। टैग मिल गया तो विश्व में कोई कहीं माकेर्टिंग करेगा उसे बिहार के नाम से बखाना बेचना होगा। दूसरे किसी भी देश और राज्य का दावा इस कृषि उत्पाद पर नहीं होगा। इसी के साथ राज्य के मखाना उत्पादकों को नया बाजार मिल जाएगा और उनकी आमदनी बढ़ेगी। खेती भी बढ़ेगी।

जीआई टैग वाला होगा पांचवां कृषि उत्पाद 
मखाना को जीआई टैग मिला तो राज्य का यह पांचवां कृषि उत्पाद होगा, जो इस श्रेणी में आएगा। इसके पहले कतरनी चावल, जर्दालू आम, शाही लीची और मगही पान को जीआई टैंग मिल चुका है। इसके लिए तीन साल के प्रयास के बाद कृषि सचिव डॉ. एन सरवण कुमार की पहल पर किसानों की संस्था का निबंधन हो गया। बिहार कृषि विश्वविद्यालय इसकी प्रक्रिया पूरी कर चुका है। कुलपति डॉ. एके सिंह की पहल पर आवेदन के साथ सारे जरूरी कगजात चेन्नई के इटलेक्चुअल प्रोपर्टी कार्यालय को भेजा जा चुका है। उम्मीद है जल्द ही टैग मिल जाएगा।

विश्व में कोरोना से लड़ने की ताकत देगा
टैग मिलने के बाद बिहार का मखाना विश्व के लोगों को कोरोना से लड़ने की ताकत देगा। इस सूखे मेवे में हर वह जरूरी विटामिन है जो किसी व्यक्ति को कोरोना से लड़ने की ताकत देता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इम्युनिटी बढ़ाने में भी यह सहायक है। इसके साथ इसमें दिल के मरीजों को राहत देने वाले भी तत्व होते हैं। 

विश्व का 85 प्रतिशत उत्पादन बिहार में
राज्य में मखाना का उत्पादन लगभग छह हजार टन होता है। यह विश्व में होने वाले उत्पादन का 85 प्रतिशत है। इसके अलावा शेष 15 प्रतिशत में जापान, जर्मनी, कनाडा, बांग्लादेश और चीन का हिस्सा है। विदेशों में जो भी उत्पादन होता है, उसका बड़ा भाग चीन में होता है, लेकिन वहां इसक उपयोग केवल दवा बनाने के लिए होता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *