Patna: ‘वन नेशन-वन राशन कार्ड’ और ‘वन नेशन-वन ग्रिड’ के बाद अब ‘वन नेशन-वन टैरिफ’ की मांग जोर पकड़ने लगी है। उपभोक्ताओं के साथ अब कई राज्य सरकारें भी ‘वन नेशन-वन टैरिफ’ की मांग करने लगी हैं। इन राज्यों का कहना है कि केंद्र सरकार को नई टैरिफ पॉलिसी में पूरे देश में बिजली की एक दर पर विचार करना चाहिए।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह की राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ऊर्जा मंत्रियों की बैठक के कार्यवृत्त (मिनट्स) के मुताबिक बिहार सरकार ने बैठक के दौरान इस विषय को उठाया था। बिहार का कहना था कि ‘वन नेशन-वन ग्रिड’ और ‘वन नेशन-वन राशनका़र्ड’ की तर्ज पर ‘वन नेशन- वन टैरिफ’ होना चाहिए। अभी प्रदेशों में बिजली की दर अलग-अलग हैं। मसलन, एक प्रदेश में प्रति यूनिट दर आठ रुपये है, जबकि पास के राज्य में छह रुपये है।
संसद के अंदर कई बार सांसद ‘वन नेशन-वन टैरिफ’ की मांग कर चुके हैं। पंजाब से राज्यसभा सांसद श्वेत मलिक ने कई बार संसद में इस मुद्दे को उठाया है। उनकी दलील है कि एक राज्य में बिजली की दर अधिक है और पास के राज्य में कम है। जिन प्रदेशों में बिजली की दर कम है, वहां उद्योग अधिक लग रहे हैं। रोजगार की वजह से पलायन बढ़ रहा है। ऐसे में सरकार को ‘वन नेशन-वन टैरिफ’ पर विचार करना चाहिए।
कई तरह की मुश्किलें
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ऊर्जा मंत्रियों की बैठक के कार्यवृत्त के मुताबिक, केंद्र ने राज्यों की तरफ से उठाए गए सभी मुद्दों और मांगों की जांच कर उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ‘वन नेशन-वन टैरिफ’ में कई तरह की मुश्किलें हैं। राज्यों में बिजली की दर नियामक आयोग तय करते हैं। इस बारे में सभी राज्यों के साथ चर्चा कर आम सहमति बनाने की भी जरूरत है।