Patna: RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद के गृह विधानसभा क्षेत्र ‘हथुआ’ में इस बार चुनाव काफी रोचक होने की उम्मीद है . यह क्षेत्र लालू का घर होने के बावजूद भी राजद को यहां पर एक भी बार जीत नसीब नहीं हुई है . लेकिन इस बाद ‘हथुआ सीट से राजद जदयू को कड़ी टक्कर देने की तैयारी में जुट गया है . राजद से जिलाध्यक्ष राजेश सिंह कुशवाहा जदयू विधायक व समाज कल्याण मंत्री रामसेवक सिंह को कड़ी टक्कर देंगे .
मंत्री रामसेवक सिंह 2001 में पंचायत चुनाव से राजनीति में आए थे और 2005 में मीरगंज विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने . 2010 में नए परिसीमन के साथ मीरगंज विधानसभा का अस्तित्व खत्म हो गया और हथुआ विधानसभा क्षेत्र बना . राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद का गृह विधानसभा क्षेत्र होने के बाद भी यहां राजद को हार का सामना करना पड़ा है .
यहां के इतिहास पर नजर डाले तो कांग्रेस के हाथ से 1972 के बाद यह सीट निकली तो दोबारा नहीं मिल सकी . 1990 में निर्दलीय प्रभुदयाल सिंह ने सीपीएम के विश्वनाथ सिंह को हरा दिया . इसके बाद 1995 में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे प्रभुदयाल सिंह को सीपीएम के विश्वनाथ सिंह ने हरा दिया . मीरगंज सीट पर जेपी आंदोलन के बाद से ही समाजवाद भारी रहा है . वर्ष 2000 में भी निर्दलीय अब्दुल समद को समता पार्टी के प्रभुदयाल सिंह चुनाव हराकर विधायक बने . उसके बाद से ही अब तक जदयू का कब्जा रहा है . हालांकि, इस बार जदयू को हथुआ सीट पर कड़ी टक्कर मिल सकती है . इस सीट पर राजद पूरा जोर लगा रहा है .
महागठबंधन के तहत अभी सीटों का बंटवारा नहीं हो सका है . इस सीट पर उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा भी दावेदारी कर रही है, तो एनडीए की ओर से लोजपा भी दावेदारी ठोक रही है . भाजपा के कई कार्यकर्ता तो टिकट नहीं मिलने पर पार्टी से बगावत के मूड में है . मकसुदन सिंह कुशवाहा तो बैठक कर निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा भी कर चुके हैं .