Patna: बिहार के सीतामढ़ी में गन्ना उत्पादक किसानों (Sugar Cane Farmers) के लिए हाहाकार की स्थिति पैदा हो गई है. हालात यह है कि सीतामढ़ी का रीगा चीनी मिल (Sitamarhi Riga Sugar Mill) शुरू नहीं हो सका है और तकरीबन 100 करोड़ का गन्ना किसानों के खेतो में खड़ा सूख रहा है. हर साल नवम्बर महीने में ही रीगा चीनी मिल का पेराई सत्र शुरू हो जाता था, लेकिन दिसम्बर समाप्त हो गया लेकिन चीनी मिल का पेराई सत्र शुरू नहीं हो सका है.
किसानों के बीच चीनी मिल के बंद होने की अंदेशा को लेकर किसानों मे बैचेनी साफ देखी जा रही है. पहले से ही सीतामढ़ी के रीगा चीनी मिल पर जिले के गन्ना उत्पादक किसानों का तकरीबन 80 करोड़ रुपया बकाया है. ऐसे में आप सहज अनुमान लगा सकते हैं कि रीगा चीनी मिल से जुड़े तकरीबन 40 हजार किसानों पर क्या गुजर रही होगा. गौरतलब है कि लंबे अर्से से सीतामढ़ी के गन्ना उत्पादक किसान मिल पर बकाया राशि के भुगतान को लेकर आंदोलन कर रहे थे, लेकिन आर्थिक तंगी का हवाला देकर चीनी मिल किसानों के गन्ना का भुगतान करने को लेकर अपने हाथ खड़े कर रहा था.
सीतामढ़ी के रीगा मील प्रबंधन लगातार सरकार से आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए गुहार लगा रहा था लेकिन चीनी मिल को सरकार मदद करने को तैयार नहीं है. इतना ही रीगा चीनी मिल में 700 कर्मचारियों की रोजी-रोटी भी चलती है, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण चीनी मिल प्रबंधन ने उन्हें भी तकरीबन 6 माह पहले बाहर का रास्ता दिखला दिया था. गन्ना किसानों के हितों के लिए काम करने वाली संस्था ईखोत्पादक संघ के जिला संय़ोजक नागेन्द्र सिंह का कहना है कि अगर इस गंभीर हालत में सरकार ने रीगा चीनी मिल पर ध्यान नहीं दिया तो चीनी मिल से जुड़े 40 हजार गन्ना किसान सड़कों पर आ जाएंगे.
किसानों के पास नकदी फसल के नाम पर गन्ना ही है, अगर यही हालात रहे तो किसानों के सामने भयानक आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ेगा. गन्ना उत्पादक किसान मो. तैय्यब का कहना है कि चीनी मिल अब बंद हो गया है. कर्ज लेकर हमने खेती की थी लेकिन अब हम कहीं के नहीं रहे. चीनी मिल पपर पैसा भी बकाया है उसका भी अब लगता है भुगतान नहीं हो सकेगा.