Desk: वैलेंटाइन वीक में नेताओं के इश्क की बात हो और शाहनवाज हुसैन की चर्चा न हो, यह भला कैसे हो सकता है? बात उन दिनों की है, जब बिहार के सुपौल स्थित विलियम्स हाई स्कूल से 12वीं तक की शिक्षा लेने के बाद साल 1986 में आगे की पढ़ाई के बाद शाहनवाज हुसैन ने दिल्ली के पूसा एग्रीकल्चर कॉलेज में नामांकन कराया था। वहां पढ़ाई के दौरान वे दिल्ली रोडवेज (DTC) की बस से कॉलेज जाते थे। इसी बस में उन्हें एक खूबसूरत लड़की दिखी। यह पहली नजर में प्यार का मामला था। फिर क्या था, शाहनवाज ने उन्हें फॉलो करना शुरू कर दिया। एक बार भीड़ भरी बस में अपनी सीट ऑफर कर दी। धीरे-धीरे बातचीत होने लगी।
प्यार के इजहार के बीच में आड़े आ गया धर्म
शाहनवाज अब लड़की के करीब आ चुके थे, लेकिन जैसे ही उन्होंने जाना कि उनका नाम रेणु है, वे परेशान हो गए। प्यार के इजहार के बीच धर्म आड़े आ गया। फिर भी शाहनवाज ने हिम्मत नहीं हारी। अब तक वे रेणु के घर आने-जाने लगे थे। रेणु के परिवार के सदस्य उन्हें पसंद करने लगे थे। लेकिन शाहनवाज अपने दिल की बात कह नहीं पा रहे थे।
समझाने में लगे पूरे नौ साल, फिर हुई शादी
अंतत: शाहनवाज ने रेणु को ग्रीटिंग्स कार्ड के माध्यम से अपने प्यार का इजहार किया, लेकिन रेणु ने अलग धर्म होने की वजह से इसे ठुकरा दिया। हां, दोस्ती बरकरार रखी। इससे शाहनवाज को आगे की कोशिशों में परेशानी नहीं हुई। बात परिवार तक जा चुकी थी। शाहनवाज अगले नौ साल तक रेणु व उनके परिवार को समझाते रहे। अंतत: कोशिशें रंग लाईं और नौ साल बाद साल 1994 में दोनों ने परिवार वालों की रजामंदी से शादी कर ली।
घर में मनाए जाते दोनों धर्मों के त्योहार
आज शाहनवाज व रेणु के दो बच्चे अदीब हुसैन और अरबाज हुसैन हैं। उनके घर में ईद व होली-दिवाली, दोनों धर्मों के त्योहार मनाए जाते हैं। दोनों के बीच की बॉन्डिंग को लेकर रेणु पहले कई बार कह चुकीं हैं कि शाहनवाज बेहद प्यारे, सरल और हंसमुख इनसान हैं।
वाजपेयी ने बॉलीवुड हीरो बनने से रोका
यह तो हुई शाहनवाज की लव लाइफ की बात, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर अटल बिहारी वाजपेयी ने नहीं रोका होता तो शाहनवाज हुसैन अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) या शाहरूख-सलमान (Shahrukh-Salman) की तरह बॉलीवुड हीरो (Bollywood Hero) भी बन सकते थे। बात उन दिनों की है, जब शाहनवाज वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री थे। उस दौरान कुछ बॉलीवुड फिल्म निर्माताओं ने उनसे संपर्क किया था। वे शाहनवाज को हीरो के लीड रोल में लॉन्च करना चाहते थे। लोकसभा टीवी चैनल के साथ बातचीत में एक बार शाहनवाज हुसैन ने इसकी जानकारी दी थी। शाहनवाज ने इस बाबत तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से बात की। इसपर वाजपेयी ने उन्हें पहले देखा फिर कहा कि वे राजनेता ही अच्छे लगते हैं, फिल्मों की बातें रहने दें। शाहनवाज उनकी बात को टाल नहीं पाए और बॉलीवुड का रूख करने का मन बदल दिया।
अब बिहार कैबिनेट में मिली जगह
अटल बिहारी वाजपेयी के खास सहयोगी रहे शाहनवाज हुसैन का जन्म 12 दिसंबर 1968 को बिहार के सुपौल जिले में हुआ था। उन्होंने अपने राजनीतिक कॅरियर का आरंभ 1999 में 13वें लोकसभा चुनाव के दौरान शुरू किया था। वे केंद्र सरकार में कोयला मंत्री और बाद में नागरिक उड्डयन मंत्री रहे। वस्त्र मंत्री भी बने। साल 2004 में हुए आम चुनाव में हार के बाद वे 2006 में दोबारा भागलपुर सीट से जीते। शाहनवाज साल 2014 के लोकसभा चुनाव में हार के बाद राजनीति के हाशिए पर चले गए थे। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें टिकट तक नहीं मिला। बीजेपी उनकी सेवा बतौर प्रवक्ता लेती रही। अब एक बार फिर उनका बिहार की सक्रिय राजनीति में उदय हुआ है।
शपथ व पदभार ग्रहण में साथ रहीं पत्नी
मंगलवार को शाहनवाज ने बतौर मंत्री बिहार की एनडीए सरकार में शपथ ग्रहण किया। उन्हें उद्योग विभाग दिया गया है। उन्होंने बुधवार को पदभार ग्रहण कर लिया। शपथ व पदभार ग्रहण के दौरान पत्नी रेणु साथ रहीं।