Patna:बॉलीवुड एक्टर सलमान खान (Salman Khan) की दो मुंहबोली बहनें पटना में रहतीं हैं। वे कभी जुदा नहीं होतीं। बिहार में विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) की तैयारियों के बीच निर्वाचन आयोग (Election Commission) मतदाताओं को जागरूक करने के लिए सोशल मीडिया पर जो प्रेरक कहानियां पोस्ट कर रहा है, उनमें सलमान खान की इन बहनों की कहानी भी शामिल है। हम बात कर रहे हैं पटना की सिर से जुड़ी जुड़वा बहनों सबा व फराह शकील की। चुनाव आयोग द्वारा दी गई प्रेरक पात्रों की कहानियों की शृंखला में ये बहनें बिहार की पहली पात्र हैं।
दोनों को सलमान मानते बहन, बंधवाई है राखी
सिर से जुड़ी बहनों सबा व फरहा को आज पूरी दुनिया जानती है। बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान की दीवानी दोनों बहनों को खुद सलमान भी जानते हैं। उनके बारे में जानकारी होने पर सलमान ने करीब आठ साल पहले दोनों को मिलने के लिए टिकट भेजकर मुंबई बुलाया था। वहां दोनों ने सलमान को राखी बांधकर भाई बनाया था। खुद सलमान ने भी उन्हें बहन माना था तथा समय-समय पर दोनों की मदद को आगे आए।
संघर्ष भरा जीवन, हमेशा साथ रहने की आदत
सबा-फरहा का जीवन संघर्ष भरा रहा है। सिर से जुड़ी होने के कारण हर वक्त साथ रहतीं हैं। कुछ बड़ी हुईं तो दोनों को सर्जरी के माध्यम से अलग करने की पहल शुरू हुई, लेकिन बात नहीं बनी। परिवार की आर्थिक स्थिति आड़े आ गई। बाद में कई जगह से मदद के हाथ बढ़े। सलमान खान भी अपनी इन मुंहबोली बहनों की मदद के लिए तैयार दिखे। लेकिन जीवन का जाेखिम फिर बाधा बनकर खड़ा हो गया। अंतत: दोनों बहनों ने स्थिति से समझौता कर लिया है। कहती हैं, ‘साथ रहने की आदत पड़ गई है।’
सीएम की पहल पर खोला फास्ट फूड ज्वायंट
दोनों बहनों की अर्थिक आत्मनिर्भरता को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहल की थी। मुख्यमंत्री ने उनके लिए एक दुकान अलॉट करने का आदेश दिया था, जिसमें उन्होंने मई 2016 में फास्ट फूड ज्वायंट खोला। सब-फरहा का फास्ट फूड ज्वायंट ‘वाह-जी सबा-फरहा रेस्टोरेंट ऑन व्हील’ चल पड़ा।
2015 में पहली बार एक तो 2019 में दिए दो वोट
दोनों बहनों ने पटना में दीघा विधानसभा क्षेत्र से मतदाता बनने के लिए 2015 में आवेदन दिया था। 28 अक्टूबर 2015 को पहली वार वोट डालकर निकलीं इन बहनों ने प्रत्येक वोट का महत्व बताते हुए कहा था, ‘हमने मतदान इसलिए किया, क्योंकि हम अगली सरकार बनाने में अपनी भूमिका निभाने की इच्छुक हैं।’ तब दोनों बहनों के नाम पर एक ही मतदाता पहचान-पत्र पर थे और वे एक वोट ही दे पाई थीं। बाद में उन्होंने अपने हक के लिए आवाज उठाई और दो पहचान पत्र व दो वोट देने की मांग की। उनकी मांग को चुनाव आयोग ने माना और 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने दो वोट डाले। तब उनकी कहानी को चुनाव आयोग ने 13 मई 2019 को ट्वीट भी किया था।
वोट देने के प्रति उत्साह दूसरों के लिए प्रेरणा
इस साल चुनाव आयोग ने फिर ‘चुनाव की कहानियां’ शृंखला की शुरू की है। इसकी पहली कहानी आयाेग ने 15 जून को ट्वीट किया, जो मध्य प्रदेश की दुल्हन दीपिका की है। उसने शादी के तुरंत बाद ससुराल जाने से पहले मतदान केंद्र पर जाकर वोट डाला था। इस शृंखला की नौवीं कहानी की पात्र सबा-फरहा हैं। बीते पांच जुलाई को पोस्ट की गई उनकी कहानी वोट देने के प्रति उनके उत्साह को दर्शाती है। यह बिहार विधानसभा चुनाव में मतदाताओं को वोट देने की प्रेरणा देगी।