Patna: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को कृषि कानून के कारण एक पुराने साथी को खोना पड़ा है. मोदी सरकार को इस विवादित कानून पर शिरोमणि अकाली दल का ही साथ नहीं मिल रहा है. एनडीए का हिस्सा राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा है अगर कृषि कानून में कोई खामी दिखी तो हम भी इसका विरोध करने से पीछे नहीं हटेंगे.
तो वहीं इस पर हनुमान बेनीवाल ने कहा है कि हम इस कानून का विशेषज्ञों से अध्ययन करा रहे हैं. ये कानून अगर किसानों के हित में नहीं रहा तो इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करूंगा. जरूरत पड़ी तो हम किसानों के साथ खड़े मिलेंगे.
आपको बता दें कि किसानों की पार्टी कही जाने वाली राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के रुख को लेकर राजस्थान में लंबे समय से सवाल पूछे जा रहे थे, क्योंकि यह एनडीए का घटक दल है.
उधर हनुमान बेनीवाल ने वसुंधरा राजे पर निशाना साधते हुए कहा कि इस बार राजस्थान की पूर्व सीएम ने अशोक गहलोत को सरकार बचाने में मदद की है और बदले में दोनों मिलकर यहां पर राज कर रहे हैं. मगर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी दोनों की दाल गलने नहीं देगी और तीसरी ताकत के रूप में हम मैदान में जल्दी उतरने वाले हैं. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को मजबूत करने के लिए अगर जरूरत पड़ी तो हम एनडीए से अलग हो जाएंगे. 2023 के चुनाव में राजस्थान में किसान ही मुख्यमंत्री बनेगा.
राजस्थान के आदिवासी जिलों में उपद्रव को लेकर हनुमान बेनीवाल ने कहा कि ये एक साजिश का नतीजा है. गहलोत सरकार अगर यह मान रही है कि यहां पर दूसरे राज्यों से आकर लोगों ने उपद्रव फैलाया है तो इसकी जांच एनआईए से करानी चाहिए. हनुमान बेनीवाल ने कहा कि सरकार बचाने को लेकर अशोक गहलोत ने भारतीय ट्राइबल पार्टी के विधायकों के दबाव में कानून-व्यवस्था की अनदेखी की है. हनुमान बेनीवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत डरे हुए हैं, जिसकी वजह से उन्होंने सिविल लाइंस सड़क पर मीडिया की आवाजाही बंद करवा दी है. अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे दोनों की पोल खुल गई है.