Patna: राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह की नाराजगी के चलते रामा सिंह की पार्टी में एंट्री टल गई है. रामा सिंह आज राजद ज्वाइन करने वाले थे. उनकी एंट्री को लेकर रघुवंश प्रसाद सिंह नाराज थे और 23 जून को उन्होंने पार्टी के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. पार्टी में चल रही उथल-पुथल के बीच लालू यादव ने डैमेज कंट्रोल की कोशिश की है. लालू के दखल के बाद तेजस्वी ने यह फैसला लिया है. चुनावी साल में राजद कोई जोखिम लेने के मूड में नहीं है और यही वजह है कि रामा सिंह की एंट्री फिलहाल टाल दी गई है.
रघुवंश प्रसाद सिंह राजद में बड़े सवर्ण चेहरे हैं और ऊंची जातियों के वोट को अपने पाले में लाने वाले नेता हैं. वैशाली लोकसभा क्षेत्र में इनकी मजबूत पकड़ है. राजद के साथ शुरू से जुड़े हैं और पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के काफी करीबी माने जाते हैं. पार्टी के सभी फैसलों में साथ खड़े रहते हैं. यहां तक कि जब राजद ने सवर्ण आरक्षण का विरोध किया था तब भी ये पार्टी के साथ थे. अपने क्षेत्र में सवर्ण आरक्षण के खिलाफ धरने पर भी बैठे थे.
राजद के टिकट पर रघुवंश प्रसाद सिंह वैशाली लोकसभा सीट से चार बार सांसद रह चुके हैं. 2014 में रघुवंश प्रसाद सिंह ने राजद और रामा सिंह ने लोजपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ा था. इसमें रघुवंश प्रसाद सिंह चुनाव हार गए थे. उस चुनाव से पहले ही दोनों नेताओं के बीच सियासी दुश्मनी थी. 2019 के लोकसभा चुनाव में लोजपा ने रामा सिंह को टिकट नहीं दिया था. तब राजद ने रामा सिंह को अपने पाले में लाने की कोशिश की थी लेकिन, रघुवंश प्रसाद के विरोध के आगे पार्टी को झुकना पड़ा.
अब बिहार विधानसभा चुनाव सिर पर है और पार्टी जीतने वाले उम्मीदवार की तलाश कर रही है. यही वजह है कि राजद ने रामा सिंह को पार्टी में लाने की पूरी तैयारी कर ली थी. इसी बात से रघुवंश प्रसाद काफी नाराज थे और उन्होंने पार्टी के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था.