Patna: पीएमसीएच में करीब 200 करोड़ की लागत से बनने वाले सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का निर्माण कार्य बुधवार से शुरू हो गया. 18 महीने में अस्पताल बनकर तैयार हो जाएगा. प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना फेज-4 (पीएमसएसवाई) के तहत इसका निर्माण हो रहा है. इस परियोजना का शिलान्यास मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने किया था.
160 बेड वाले इस अस्पताल में करीब नौ सुपर स्पेशियलिटी विभाग होंगे. इनमें न्यूरोलॉजी, न्यूरो सर्जरी, यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, इंडोक्राइनोलॉजी, नियोनैटोलॉजी व पेडिएट्रिक सर्जरी, हेमेटोलॉजी, रेडियोथेरेपी और गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग शामिल हैं. प्राचार्य डॉ. विद्यापति चौधरी और अधीक्षक डॉ. विमल कारक ने नारियल फोड़कर निर्माण कार्य की शुरुआत कराई. मौके पर सीपीडब्लूडी के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर चंदन कुमार, ओएसडी डॉ. कुमार अरुण और डॉ. राणा मौजूद थे.
ओपीडी और इंडोर की होगी सुविधा
इस अस्पताल में ओपीडी और इंडोर की सुविधा होगी. हर विभाग का अपना ओटी होगा. आईसीयू में 51 बेड की व्यवस्था होगी. मल्टीलेवल पार्किंग की सुविधा होगी. अधीक्षक के मुताबिक इन नौ विभागों में सुपर स्पेशियलिटी की सुविधा बहाल हो जाने से राज्य के मरीज को इलाज के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा. इन सभी विभागों की चिकित्सकीय सुविधा राज्य के मरीज को एक छत के नीचे मिलेगी. इसमें सभी आधुनिक उपकरणों होंगे. यह निर्माण इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान के पीछे हो रहा है.
पटना एम्स सेंटर ऑफ एक्सीलेंस घोषित
एम्स पटना के सराहनीय कार्य को देखते हुए राज्य सरकार ने इसे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस घोषित किया है. इसके पहले केंद्र सरकार ने दिल्ली एम्स को राष्ट्रीय सेंटर ऑफ एक्सीलेंस घोषित करते हुए सभी राज्य सरकारों को अपनी राजधानी में एक कोविड डेडीकेटेड अस्पताल बनाने को कहा था. अब राज्य में काेराेना के इलाज व रोकथाम के उपायों की योजना व स्वास्थ्यकर्मियों का प्रशिक्षण व पर्यवेक्षण एम्स पटना करेगा. निदेशक डॉ. प्रभात कुमार सिंह व नोडल अफसर डॉ. संजीव कुमार ने कहा कि राज्य के मेडिकल काॅलेज अस्पताल व जिला के चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण देने की रूपरेखा तैयार कर ली गई है.