Desk: बिहार के सबसे बड़े मल्टी सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) में डॉक्टरों की नियुक्ति में अनियमितता के आरोपों पर गुरुवार को हाईकोर्ट की मुहर लग गई. हाईकोर्ट ने गलत डिग्री का वेटेज देकर कम नंबर पाने वाले डॉ. कुमार चंदन को हटाकर अधिक नंबर वाले डॉ. पवन कुमार को तीन माह में नियुक्त करने का आदेश दिया है. बताते चलें कि गत माह हुई शासी निकाय की बैठक में 2020 में हुई सभी नियुक्तियों की जांच का प्रस्ताव पारित हुआ था. 2018 में हुई नियुक्तियों की भी जांच चल रही है.
गुणवत्ता को ताक पर रख नियुक्ति
सीडब्ल्यूजीसी 20694/18 में दिए निर्णय के अनुसार डॉ. पवन कुमार के पास न केवल पढ़ाने का अधिक अनुभव था बल्कि अधिक शोधपत्र भी प्रकाशित हुए थे. आइजीआइएमएस के अधिकारियों की मिलीभगत से नेशनल मेडिकल काउंसिल के मानकों की धज्जियां उड़ाते हुए जिस डॉ. चंदन कुमार के 46 नंबर आने चाहिए थे, उन्हें 62 नंबर दे दिए. डॉ. चंदन के ऑर्थोपेडिक्स डीएनबी (डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड) डिप्लोमा को एमएस डिग्री पर वरीयता दे दी गई.
हद यह कि एक दूसरे अभ्यर्थी डॉ. अर्णव को डीएनबी डिग्री के कारण शिक्षक पद पर नियुक्ति के लिए अयोग्य करार दे दिया गया. वहीं डॉ. कुमार चंदन को स्पाइन फेलोशिप के लिए टीचिंग अनुभव का वेटेज दिया गया. नियुक्त डॉ. निशांत कश्यप और डॉ. कुमार चंदन से बड़ी डिग्री, साढ़े तीन वर्ष का टीचिंग अनुभव होने के बावजूद डॉ. पवन कुमार जब नियुक्त नहीं हो पाए तो उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली. हाईकोर्ट ने इसे घोर अनियमितता मानते हुए डॉ. कुमार चंदन की नियुक्ति को रद और डॉ. पवन कुमार की नियुक्ति आदेश के तीन माह में करने का निर्देश दिया है.
क्या है मामला :
आइजीआइएमएस ने अप्रैल 2018 में हड्डी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर बहाली निकाली थी. 22 अभ्यर्थियों में से एक 2017 से संविदा पर असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर संस्थान में काम कर रहे डॉ. पवन कुमार भी थे. 3 जुलाई 2018 को संस्थान के निदेशक डॉ. एनआर विश्वास, डीन डॉ. राघवेंद्र व विभागाध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार ने साक्षात्कार लिया. सामान्य वर्ग के तीन पदों के लिए एकमात्र अभ्यर्थी डॉ. पवन कुमार थे. सितंबर माह में जारी परिणाम में डॉ. पवन कुमार को वेटिंग में डालते हुए डॉ. कुमार चंदन को नियुक्त कर लिया गया.
आइजीआइएमएस के चिकित्साधीक्षक सह प्रवक्ता डॉ. मनीष मंडल का कहना है कि नियुक्ति में अनियमितता नहीं हुई है. नंबरों की टोटलिंग में दो नंबर की चूक हुई है. इसे सुधारते हुए हाईकोर्ट के आदेशानुसार डॉ. पवन कुमार को रिक्त पद पर समायोजित किया जाएगा. डॉ. कुमार चंदन जो काम कर रहे हैं, उन्हें हटाने का निर्देश नहीं है.