Desk: देश के अलग-अलग हिस्सों में चल रहे किसान आंदोलन (Farmer Protest) को लेकर बिहार में भी सरगर्मी तेज हो गई है. सोमवार को दिल्ली से एक साथ कई किसान नेता (Farmer Leader In Patna) पटना पहुंचे. किसानों के पटना आगमन को बिहार में इस आंदोलन को हवा देने की कवायद माना जा रहा है. भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरमान सिंह चढ़ूनी ने पटना पहुंचकर पत्रकारों से बात की. इस दौरान चढूनी ने कहा कि दिल्ली के आंदोलन में बिहार के भी किसान शामिल हो क्योंकि इस कानून के तहत किसानों को एमएसपी नहीं मिलेगा.
किसान नेता गुरुमान सिंह ने कहा कि बिहार के किसान भी जागृत हो और दिल्ली पहुंचे. बिहार में खेती से आमदनी कम होती जा रही है और यहां के किसानों को एमएसपी नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने कहा कि बिहार में धान का एमएसपी 1888 रुपए है लेकिन किसी को भी ₹1000 से ज्यादा नहीं मिल रहा है. सरकार वन नेशन वन मार्केट की बात कर रही है लेकिन क्या बिहार के किसानों को पंजाब जैसा रेट मिलेगा. उन्होंने कहा कि एमएसपी तय करना और इस दाम पर खरीदारी करना अलग बात है.
किसान नेता ने बिहार के किसानों से आवाहन करते हुए कहा कि बिहार के किसान जो दिल्ली नहीं जा सकते वह बिहार में ही आंदोलन करें और हर जिला में किसान प्रदर्शन करके अपनी बातों को सरकार तक पहुंचाएं. मालूम हो कि केन्द्र सरकार द्वारा लागू किए गए नए कृषि बिल के खिलाफ देशभर के किसान संगठन एकजुट हैं. किसान दिल्ली व उसके सीमावर्ती इलाकों में लगातार 24 दिनों से आंदोलनरत हैं. किसानों की मांग है कि केन्द्र सरकार कृषि बिल को वापस ले. बिल वापस नहीं होने तक प्रदर्शन जारी रखने की बात कही जा रही है. इस आंदोलन को लेकर देशभर से नेताओं की अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही है. इसी बीच बिहार के कृषि मंत्री की प्रतिक्रिया भी सामने आई है.
किसान आंदोलन पर बिहार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह के तेवर गर्म नजर आए. अमरेन्द्र ने दिल्ली किसान आंदोलन को दलालों का आंदोलन तक कह दिया. मंत्री ने कहा कि देश में साढ़े पांच लाख गांव हैं, किस गांव का किसान आंदोलन कर रहा? अगर किसान आंदोलन करते तो पूरे देश में आंदोलन होता. क्या सिर्फ हरियाणा-पंजाब में ही किसान हैं, बिहार या दूसरे राज्यो में नहीं?