Desk: बिहार के 38 जिला और 55 अनुमंडल अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए जल्द ही जीविका दीदियों की रसोई में बनाए भोजन की आपूर्ति शुरू हो जाएगी। राज्य स्वास्थ्य समिति ने जीविकोपार्जन समिति से योजना के करार का खाका तैयार कर लिया है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के अनुमोदन के बाद इस सप्ताह करार पत्र पर स्वास्थ्य विभाग और जीविकोपार्जन समूह के प्रतिनिधि हस्ताक्षर कर सकते हैं।
राज्य मंत्रिमंडल ने दे दी है स्वीकृति
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार कुछ अरसा पहले राज्य के सात जिलों बक्सर, शिवहर, सहरसा, गया, शेखपुरा, पूर्णिया और वैशाली के कुछ सदर अस्पतालों तथा गया के शेरघाटी अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती मरीजों को जीविका दीदी की रसोई में पका स्वच्छ, पौष्टिक एवं गुणवत्तापूर्ण भोजन दिया जा रहा था। पायलट प्रोजेक्ट के तहत चल रही योजना के परिणाम सार्थक आए हैं। जिसके बाद राज्य के सभी 38 जिला और 55 अनुमंडल अस्पतालों में इस लागू करने की स्वीकृति राज्य मंत्रिमंडल ने दी है। इसके पहले जीविका समूह और स्वास्थ्य विभाग के बीच करार होना है।
एक मरीज के भोजन के लिए मिलेंगे 150 रुपये
राज्य स्वास्थ्य समिति ने करार का जो खाका तैयार किया गया है उसके मुताबिक जीविका समूह को प्रति मरीज भोजन के लिए 150 रुपये दिए जाएंगे। जिसमें प्रति वर्ष पांच फीसद की वृद्धि होगी। भुगतान की केंद्रीकृत व्यवस्था होगी। जीविका दीदियों को रसोई के लिए जिला और अनुमंडल अस्पताल परिसर में बिजली, पानी, शौचालय के साथ स्थान मुहैया कराया जाएगा, परन्तु बिजली बिल का भुगतान स्वयं जीविका दीदियों को अपनी रसोई की कमाई से करना होगा। इस दौरान अस्पताल परिसर में किसी भी प्रकार की अन्य कैंटीन संचालन की अनुमति नहीं होगी।
अस्पताल के स्टाफ को कीमत देने पर मिलेगा भोजन
जिन अस्पतालों में रसोई होगी वहां मरीजों के साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों, अस्पताल के डॉक्टरों को भी इसी रसोई का भोजन दिया जाएगा। स्वास्थ्य कर्मियों, डॉक्टरों को किस दर पर भोजन या नाश्ते की सुविधा मिलेगी इसका निर्धारण खुद जीविका दीदियां करेंगी। लेकिन इसके पूर्व उन्हें जिला स्वास्थ्य समिति से परामर्श करना होगा। सरकार पांच वर्ष के बाद योजना का मूल्यांकन करेगी। मूल्यांकन में खरा पाए जाने के बाद करार को पांच वर्ष का विस्तार दिया जाएगा।