Patna: कोरोना वैक्सीन लगाने को लेकर कवायद तेज हो गई है। निजी व सरकारी अस्पतालों में कार्यरत स्वीपर से लेकर डॉक्टर तक डाटा मांगा गया है। वैक्सीन के लिए आधार नहीं, पैन नंबर जरूरी है। पैन नहीं होने पर वोटर आइडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या फिर बैंक पासबुक की छायाप्रति जमा कराना है।
रविवार को स्वास्थ्य विभाग की ओर से राज्य के मेडिकल कॉलेजों व सिविल सर्जन के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में सभी प्राचार्य, अधीक्षक व सिविल सर्जन को यह जानकारी दी गई। सभी को कर्मियों के डाटा अविलंब उपलब्ध कराने को कहा गया। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक लोकेश कुमार ने अलग-अलग विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों, अधीक्षकों और सिविल सर्जनों से विस्तारपूर्वक जानकारी ली।
पीएमसीएच प्राचार्य डॉ. विद्यापति चौधरी ने बताया कि उनके यहां से अब तक 3500 कर्मी व डॉक्टरों का डाटा भेजा गया है। अब वार्ड ब्वॉय, अटेंडेंट, गार्ड व आउटसोर्सिंग स्टाफ का डाटा चाहिए। इसमें पहचान पत्र के रूप में आधार कार्ड नहीं, पैन कार्ड मांगा जा रहा है। आइजीआइएमएस के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि सभी मेडिकल वर्कर का डाटा तैयार किया जा रहा है। जल्द ही स्वास्थ्य विभाग को भेज दिया जाएगा।
निजी अस्पताल भी उपलबध कराएं डाटा
सिविल सर्जन डॉ. विभा रानी ने बताया कि निजी अस्पताल वैक्सीन को लेकर अपने अस्पताल की डाटा साझा नहीं कर रहे हैं। इसके कारण डाटा बैंक तैयार करने में परेशानी आ रही है। सभी अस्पतालों को निर्देशित किया गया है कि हर अस्पताल अपने-अपने सफाई कर्मियों से लेकर डॉक्टरों तक की जानकारी सिविल सर्जन कार्यालय को उपलब्ध कराएं। इससे वैक्सीन आने के बाद पहले उन्हें उपलब्ध कराई जा सके।
डाटा जमा करने में परेशानी पर करें कॉल
सिविल सर्जन ने कहा कि आंकड़े के अनुसार ही वैक्सीन दी जाएगी। यदि किसी निजी अस्पताल का डाटा नहीं मिल पाता है तो संबंधित अस्पताल को वैक्सीन नहीं मिल पाएगी। ऐसे में मंगलवार तक सभी निजी अस्पतालों के कर्मचारी सिविल सर्जन कार्यालय में डाटा उपलब्ध कराएं। विशेष जानकारी के लिए सिविल सर्जन कार्यालय में संपर्क करें। परेशानी होने पर 9473375733 पर कॉल कर सकते हैं।