नवादा के रामचंद्र को 16 साल बाद पाकिस्तान ने भारत को सौंपा, अब हो रही घर वापसी

नवादा के रामचंद्र को 16 साल बाद पाकिस्तान ने भारत को सौंपा, अब हो रही घर वापसी

Patna: पाकिस्तान ने भारत को उसका राम वापस कर दिया है। 16 साल बाद अब उनकी घर वापसी हो रही है। नवादा जिले के काशीचक प्रखंड के रामचंद्र पागलपन का शिकार होकर पाकिस्तान पहुंच गए थे। बीते 19 अगस्त को पाक रेंजर्स ने रामचंद्र को बीएसएफ की 89 बटालियन सेक्टर गुरदासपुर (पंजाब) को सौंपा। इसके बाद बीएसएफ हेडक्वार्टर ने काशीचक थानाध्यक्ष राजकुमार से संपर्क साधा। थानाध्यक्ष ने परिजनों से जानकारी ली और फिर रामचंद्र को काशीचक स्थित भवानी बिगहा गांव का निवासी होने की पुष्टि की।

उन्होंने बताया कि बीएसएफ वालों ने रामचंद्र के पाकिस्तान चले जाने की जानकारी दी। लंबे अरसे के बाद रामचंद्र यादव की घर वापसी के बाद पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ गई है। रामचंद्र को गांव लाने के लिए उनका बेटा मिथिलेश यादव, भाई इंद्रदेव यादव व पड़ोसी कौशल यादव पंजाब स्थित बीएसएफ के शिकार मछिया हेडक्वार्टर रवाना हो गए हैं।

पागलपन की हालत में गांव से गायब हुए थे रामचंद्र
भवानी बिगहा निवासी रामचंद्र यादव करीब 16 साल पहले पागलपन के शिकार हो गए थे। परिजनों ने बताया कि साल 2004 में वह अचानक पागलों की तरह करने लगे और एक दिन शाम को घर नहीं लौटे। काफी खोजबीन के बाद भी उनका कहीं अता-पता नहीं चला। गांव घर के लोग बताते हैं कि जब रामचंद गायब हुए थे। तब उनके बच्चे काफी छोटे-छोटे थे। परिवार में चाचा इंद्रदेव यादव और नाना देवशरण यादव ने रामचंद्र यादव की पत्नी और बच्चों की देखभाल की।

रामचंद्र को खींच लाया पत्नी सकुंती का सिंदूर
रामचंद्र के गायब होने से लेकर आज तक उनकी पत्नी सकुन्ती देवी अपने मांग में सिंदूर सजाते रही है। हाल के दिनों में काशीचक थानाध्यक्ष ने परिवार से संपर्क साधा और बताया कि बीएसएफ वालों ने रामचंद्र की तस्वीर वॉट्सऐप पर भेजकर पूरी जानकारी मांगी है, तो सकुन्ती की आंखें खुशी के आंसुओं से भर गई। कहा कि उसका सिंदूर और विश्वास उसके पति को खींच लाया है। पति की आस में रही सकुन्ती अनकही खुशी से भरी है। उन्होंने बताया कि पति का कई बार इलाज कराया, ओझागुणी सब से थक हार गए थे, लेकिन पति ठीक नहीं हुए और इसी बीच एक दिन गायब हो गए। इधर, रामचंद्र की बेटी बेबी ने बताया कि जब वह करीब आठ साल की थी, तो बाबूजी कहीं चले गए थे। हमारे बुरे दिनों में चाचा और नाना ने सहारा दिया। बाबूजी के घर लौटने की जानकारी मिली है, काफी खुशी है।

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