Patna:फुलवारीशरीफ परिवहन परिसर में अत्याधुनिक ड्राइविंग टेस्टिंग सेंटर और ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक का निर्माण होगा। यहां ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने वाले आवेदकों की ड्राइविंग कुशलता की जांच होगी। इस टेस्ट में पास होने के बाद ही ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अभ्यर्थी योग्य माने जाएंगे। ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक निर्माण का कार्य 4 महीने में पूरा हाेगा। परिवहन परिसर के 302.00 वर्गमीटर क्षेत्र में ड्राइविंग टेस्टिंग सेंटर का निर्माण होना है।
ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक पर अभ्यर्थियों को वाहन चलाने के दौरान सीट बेल्ट, पथ परिवर्तन, लेन ड्राइविंग, स्टाप लाइन, एस गठन, समानांतर पार्किंग, स्थायी पार्किंग, रिवर्स, पथ परिवर्तन, ट्रैफिक लाइट जंक्शन आदि यातायात नियमों का अनुसरण करना होगा। हर स्टेप के लिए अलग-अलग समय और अंक निर्धारित रहेगा। निर्धारित मानक के अनुसार ड्राइविंग करने पर ही अंक मिलेगा।
अभी ड्राइविंग टेस्टिंग की प्रक्रिया मैनुअल
परिवहन सचिव संजय अग्रवाल ने बताया कि वर्तमान समय में ड्राइविंग कुशलता की जांच के लिए लाइसेंस जारी करने से पहले ड्राइविंग टेस्टिंग की प्रक्रिया मैनुअली है। इस नई सुविधा से अभ्यर्थियों को सबसे ज्यादा लाभ मिलेगा। समय की भी बचत होगी। टेस्ट का रिजल्ट तुरंत आ जाएगा। आईडीटीआर औरंगाबाद में ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक का निर्माण पूरा हो गया है। इस माह के अंत तक वहां ड्राइविंग टेस्टिंग शुरू हो जाएगी।