Desk: उत्तर बिहार को एक और नया नेशनल हाईवे मिलेगा। कोसी और पूर्णिया प्रमंडल को पटना से सुगम सम्पर्कता प्रदान करने के लिए ग्रीनफील्ड यानी एक नई फोर लेन सड़क बनाई जाएगी। इस सड़क की शुरुआत वैशाली के बिदुपुर से होगी जो पूर्णिया में समाप्त होगी। पथ निर्माण विभाग अभी इस प्रस्ताव पर काम कर रहा है। केंद्र सरकार के सहयोग से इस सड़क का निर्माण पूरा किया जाएगा।
भारतमाला परियोजना के तहत अभी गया के जीटी रोड से पूर्वी-पश्चिमी कॉरिडोर को जोड़ने के लिए बिहार का पहला एक्सप्रेस-वे आमस-दरभंगा का निर्माण हो रहा है। इसका विस्तार जयनगर तक होना है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की ओर से इस सड़क का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए अभी जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई जारी है। इसी क्रम में विभाग ने पाया कि इस सड़क के बन जाने पर भी कोसी व पूर्णिया प्रमंडल के लोगों को पटना आने-जाने में अधिक दूरी तय करनी पड़ेगी। इसका मूल कारण यह है कि कोसी व पूर्णिया प्रमंडल के जिलों का पटना आने-जाने के लिए सीधी सम्पर्कता नहीं है।
इसे देखते हुए विभाग ने तय किया है कि आमस-दरभंगा एक्सप्रेस-वे से ही बिदुपुर से एक नई सड़क बनाई जाए। बिदुपुर से शुरू होने वाली यह सड़क समस्तीपुर के दलसिंहसराय जाएगी। इसके बाद सहरसा के सिमरी बख्तियारपुर और उदाकिशुनगंज होकर पूर्णिया में यह सड़क समाप्त होगी। इस सड़क के बन जाने से राज्य के सात जिलों सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज व अररिया को सीधा लाभ होगा। इन जिलों के लोगों को पटना आने-जाने में मौजूदा समय की तुलना में आने वाले दिनों में कम समय लगेगा। इसके अलावा वैशाली, समस्तीपुर और पटना के लोगों को भी उक्त सात जिलों में जाने के लिए एक नया मार्ग मिलेगा। विभाग का मानना है कि उत्तर बिहार के ये जिले बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में हैं। अगर पटना से इसकी सम्पर्कता और आसान हो जाए तो इस इलाके का विकास और तेज गति से हो सकेगा। विकास के आयाम को नई गति मिल पाएगी।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार प्रस्तावित सड़क का नक्शा और एक पत्र जल्द ही केंद्रीय सड़क एवं राजमार्ग परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को भेजा जाएगा। केंद्र सरकार चाहे तो वह एनएचएआई के माध्यम से इस सड़क का निर्माण करा सकती है या केंद्र सरकार राज्य को सहयोग कर पथ निर्माण विभाग से भी इस सड़क का निर्माण करा सकती है। वैसे राज्य सरकार की कोशिश होगी कि प्रस्तावित सड़क के लिए बिहार सरकार जमीन अधिग्रहण करे और इसका निर्माण एनएचएआई के माध्यम से ही हो।