Patna: आपदा के इस दौर में उद्योग जगत के लिए अच्छी खबर है। बिहार सरकार द्वारा अपनी औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति को और आकर्षक बनाने का असर दिखने लगा है। कोविड काल में नए निवेशकों ने बिहार के द्वार पर दस्तक देनी शुरू कर दी है। बिहार में दो कंपनियां राज्य में साढ़े तीन सौ करोड़ से अधिक का निवेश करेंगी।
मध्य प्रदेश की एक पाइप निर्माता कंपनी यहां 300 करोड़ से ज्यादा का निवेश करने को तैयार है। वहीं बिहार की ही एक बिस्कुट निर्माता कंपनी भी यहां एक बड़ा प्लांट लगाना चाहती है। इनके प्रस्ताव को बियाडा की जमीन आवंटन करने वाली समिति ने स्वीकृति दे दी है। अब मंजूरी के लिए इसे राज्य सरकार को भेजा गया है।
कोरोना काल में लाखों की संख्या में श्रमिक और कामगार देश के विभिन्न राज्यों से बिहार लौटे हैं। राज्य सरकार इनके रोजगार के लिए सरकारी और निजी क्षेत्र में विभिन्न उपाय करने में जुटी है। बीते दिनों 12 माह में निवेश करने वालों को विशेष सुविधाएं देने का प्रावधान सरकार ने उद्योग नीति में शामिल किया था। इस केटेगरी में निवेश प्रस्ताव मिलने का सिलसिला शुरू हो गया है। मध्य प्रदेश के भोपाल की डीआरएम कंपोसाइट्स कंपनी यहां थर्मोप्लास्टिक पाइप बनाने की फैक्ट्री लगाने की इच्छुक है।
कंपनी ने 300 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश का प्रस्ताव दिया था। कंपनी सालाना 12 हजार टन प्लास्टिक पाइप तैयार करेगी। इस प्रोजेक्ट में डेढ़ सौ से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। दूसरा निवेश प्रस्ताव मैसर्स स्वदेशी बिस्कुट प्राइवेट लिमिटेड का है। कंपनी हर साल 15 हजार मीट्रिक टन बिस्कुट उत्पादन करेगी। इस प्रोजेक्ट में 364 लोगों को रोजगार देने की बात कही गई है। बियाडा की भूमि आवंटन समिति ने इन्हें स्वीकृत कर दिया है। कोविड-19 में राज्य में विशेष परिस्थितियों में रोजगार सृजन के तहत इसे मंजूरी के लिए राज्य सरकार को भेजा गया है।
नल-जल योजना में बड़े पैमाने पर होती है पाइप खरीद
राज्य में हर घर-नल का जल योजना का काम चल रहा है। इसमें बड़े पैमाने पर प्लास्टिक पाइप की खरीद हो रही है। बिहार में ही पाइप के निर्माण से जहां निवेशकों के लिए बड़ा बाजार उपलब्ध है। वहीं सरकारी एजेंसियों को भी बाहर की अपेक्षा यहां कुछ कम कीमत पर पाइप की उपलब्धता हो सकेगी। बस कंपनी को गुणवत्ता मानकों का ध्यान रखना होगा।
सरकारी खरीद में भी मिलेगी प्राथमिकता
राज्य सरकार ने उद्योग नीति में किए गए हालिया संशोधन में बिहार में उत्पादन करने वाली कंपनियों को सरकारी खरीद में भी प्राथमिकता देने का प्रावधान किया है। इसके अलावा स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। औद्योगिक गतिविधियां भी तेज होंगी।