बिहार-झारखंड के बीच मजबूत होगी कनेक्टिविटी, 5850 करोड़ की लागत से तैयार होगी 124 km लंबी सड़क

बिहार-झारखंड के बीच मजबूत होगी कनेक्टिविटी, 5850 करोड़ की लागत से तैयार होगी 124 km लंबी सड़क

Desk: अगले दो साल में मुंगेर से मिर्जाचौकी तक बनने वाली चार लेन सड़क का निर्माण पूरा हो जाएगा। इस सड़क के निर्माण की सभी बाधाएं दूर कर ली गई हैं। 124 किलोमीटर लंबी इस सड़क के निर्माण पर लगभग 5850 करोड़ खर्च होंगे।

पथ निर्माण मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने इस सड़क के निर्माण के लिए निविदा जारी कर दी है। इस सड़क का निर्माण चार पैकेज में होगा। निविदा प्राप्ति की अंतिम तारीख 18 दिसंबर है। केंद्र और राज्य सरकार के समन्वित प्रयास से मुंगेर-भागलपुर मिर्जाचौकी चार लेन ग्रीन फील्ड परियोजना की स्वीकृति मिली है। 124 किलोमीटर लंबी इस परियोजना के लिए 60 मीटर चौड़ाई में भू-अर्जन किया जा रहा है। यह सड़क मुंगेर और भागलपुर जिले से होकर गुजरेगी, जिसमें कुल 128 राजस्व ग्रावों में 690 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होना है। भूमि अधिग्रहण के लिए 1805 करोड़ की राशि की व्यवस्था की गई है।

मंत्री ने कहा कि पथ निर्माण के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा प्रतिमाह भू-अर्जन कार्य की समीक्षा कर रहे हैं। एनएचएआई की ओर से किसानों को क्षतिपूर्ति के भगुतान के लिए राशि उपलब्ध करा दी गयी है। भुगतान शुरू किया जा रहा है। उम्मीद है कि जनवरी 2021 तक भू-अर्जन का कार्य लगभग पूर्ण हो जायेगा। परियोजना पर फरवरी 2021 के अंत तक कार्य प्रारंभ करने की योजना है। इस सड़क से न केवल पूर्वी बिहार के विकास का द्वार खुलेगा, बल्कि बिहार-झारखंड के बीच सड़क कनेक्टिविटी और मजबूत होगी। मुंगेर से सुल्तानगंज, भागलपुर, कहलगांव होते हुए मिर्जाचौकी सड़क बिहार-झारखंड बॉर्डर तक वर्तमान राष्ट्रीय उच्च पथ-80 सघन बसावट वाले क्षेत्रों से गुजरती है। इस राष्ट्रीय उच्च पथ की चौड़ाई कुछ जगह 5.5 मीटर तो कुछ जगह 7 मीटर है। इस पथ से झारखंड के संथाल परगना क्षेत्र से बिहार में पत्थरों की आवाजाही होती है। इस कारण भागलपुर क्षेत्र में आये दिन जाम की भीषण समस्या रहती है।

इस सड़क में गंगा नदी पर मुंगेर घाट पुल, सुल्तानगंज से अगुवानी घाट के बीच नया चार लेन पुल और विक्रमशिला सेतु और उसके सामानांतर नया चार लेन पुल के अलावा साहेबगंज-मनिहारी के बीच नये पुल के निर्माण की योजना विभिन्न चरणों में चल रही है। परियोजना के पूरा होने से राज्य में कहीं से भी पांच घंटे में पटना आने की योजना भी साकार होगी।

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