Patna: एमडीएच मसाला कंपनी के संस्थापक और मसाला किंग के नाम से चर्चित धर्मपाल गुलाटी का निधन हो गया है. धर्मपाल गुलाटी के निधन की कई बार झूठी खबरें सोशल मीडिया में पहले भी आती रही हैं लेकिन इस बार उनके निधन की आधिकारिक पुष्टि हुई है. समाचार एजेंसी एनआईए ने भी इस बात की जानकारी देते हुए ट्वीट शेयर किया है. धर्मपाल गुलाटी में 98 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली.
लंबे समय से थे बीमार
एमडीएच मसाला के संस्थापक और इसे घर-घर तक पहुंचाने वाले धर्मपाल गुलाटी का आज सुबह निधन हो गया. गुरुवार सुबह 5:38 बजे गुलाटी ने विकासपुरी स्थित एक अस्पताल में अंतिम सांस ली. वह काफी दिनों से बीमार थे और अस्पताल में भर्ती थे. गुलाटी आईआईएफएल हुरुन इंडिया रिच 2020 की सूची में शामिल भारत के सबसे बुजुर्ग अमीर शख्स थे. कभी उनके पास कुल जमा पूंजी 1500 रुपये ही थी, लेकिन आज उनकी अपनी दौलत 5400 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है. खुद उन्हें सालाना 25 करोड़ रुपये का वेतन मिलता था. 98 वर्षीय गुलाटी का वेतन किसी अन्य एफएमसीजी कंपनी के सीईओ के मुकाबले सबसे अधिक थी.
गुलाटी को पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था. एमडीएच के मालिक धर्मपाल गुलाटी परिवार सहित 1947 में देश के विभाजन के बाद पाकिस्तान से भारत चले आए और दिल्ली में आकर तांगा चलाना शुरू किया. भारत आने के समय उनके पास 1500 रुपये ही बचे थे, जिससे उन्होंने 650 रुपये में घोड़ा और तांगा खरीदकर रेलवे स्टेशन पर चलाना शुरू किया. कुछ दिनों के बाद उन्होंने अपने भाई को तांगा देकर करोलबाग की अजमल खां रोड पर मसाले बेचना शुरू कर दिया.धर्मपाल के मसाले की दुकान के बारे में जब लोगों को यह पता चला कि सियालकोट के देगी मिर्च वाले अब दिल्ली में हैं, उनका कारोबार फैलता चला गया. गुलाटी परिवार ने मसालों की सबसे पहली फैक्ट्री 1959 में राजधानी दिल्ली के कीर्ति नगर में लगाई थी. इसके बाद उन्होंने करोल बाग में अजमल खां रोड पर ऐसी ही एक और फैक्ट्री लगाई. 60 के दशक में एमडीएच करोल बाग में मसालों की मशहूर दुकान बन चुकी थी. एमडीएच मसालों के सबसे बड़े ब्रांड में से एक है और 50 विभिन्न प्रकार के मसालों का उत्पादन करता है. एमडीएच के कार्यालय न सिर्फ भारत में बल्कि दुबई और लंदन में भी हैं. एमडीएच के 60 से अधिक उत्पाद बाजार में उपलब्ध हैं.