Patna: हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के अध्यक्ष एवं बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) की तारीफ की और कहा कि वे अच्छा काम कर रहे हैं. वह संवेदनशील भी हैं पर जमीन पर उनके निर्देशों का पालन नहीं हो रहा है और जमीन पर योजना का सही क्रियान्वयन नहीं हो रही है इसलिए वास्तविक नतीजा नहीं सामने आ रहा है.
मांझी के इस बयान के बाद बिहार की सियासत में कयासों का दौर शुरू हो गया है. कहा जा रहा है कि वे या तो एनडीए में जा सकते हैं या फिर जेडीयू में अपनी पार्टी को मर्ज करवा सकते हैं. हालांकि दूसरी ओर उनके असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) के संपर्क में भी होने की खबरें सियासी गलियारों में चल रही हैं.
बता दें कि कुछ दिन पहले ही बिहार सरकार में मंत्री व सीएम नीतीश के काफी करीबी माने जाने वाले संजय झा ने जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा, दोनों की तारीफ की थी. मांझी के बारे में उन्होंने कहा था कि उन्हें महागठबंधन में सम्मान नहीं मिल रहा है. इसके बाद मांझी के मुंह से सीएम नीतीश के लिए तारीफों के शब्द निकलना भी इस सियासी कयास को और हवा दे रहा है कि मांझी-नीतीश की जुगलबंदी हो सकती है.
हालांकि वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय कहते हैं कि जीतन राम मांझी ने बीते पांच साल में अपना राजनीतिक स्टैंड कई बार बदला है. ऐसे में तय नहीं हो पा रहा है कि विधानसभा चुनाव में मांझी की नाव किस घाट लगेगी. बहरहाल ये खबर भी राजनीतिक गलियारों में आम है कि मांझी राजद और जेडीयू से अलग नया मोर्चा बनाने की भी तैयारी में हैं. हालांकि इसमें कांग्रेस, हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा, रालोसपा, वीआइपी, भाकपा, माकपा और भाकपा माले के शामिल होने की बात कही जा रही है.
इस बीच एक और चर्चा आम है कि असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM के बिहार में 32 सीटों पर चुनाव लड़ने ऐलान के बाद मांझी और ओवैसी की नजदीकियों की भी बातें सामने आ रही हैं. इस बात की चर्चा इसलिए भी है कि बीते विधानसभा उपचुनाव के दौरान 29 दिसंबर 2019 को किशनगंज में मंच साझा करने वाले थे, पर आखिरी समय में दोनों साथ नहीं आए थे, पर ओवैसी ‘जय भीम और जम मीम’ की अपनी राजनीति के लिए मांझी को अपे साथ लाने की कवायद कर सकते हैं.