Patna: ‘द माउंटेन मैन’ के नाम से देश में चर्चित रहे दशरथ मांझी का परिवार बदहाली के आंसू बहा रहा है। दशरथ ने अपनी पत्नी के प्यार में पहाड़ का सीना चीरकर रास्ता बना दिया था। पर्वत पुरुष के नाम पर अस्पताल और पक्की सड़क बनाई गई, लेकिन उनका परिवार आर्थिक तंगी का दंश आज भी झेलने को विवश है।
प्रशासन के सारे दावे सिफर
दशरथ मांझी के परिवार के लिए जनप्रतिनिधि व प्रशासन द्वारा किए गए सारे दावे सिफर हैं, परिवार दाने-दाने को मोहताज है। परिवार को एक इंदिरा आवास तक आवंटित नहीं हुआ। पूरा परिवार फूस के मकान में रहता है। माउंटेन मैन की बेटी लौंगी देवी ने बताया कि पुत्र गया मांझी की पुत्री पिंकी कुमारी को अज्ञात बाइक सवार ने 10 जुलाई को धक्का मार दिया था। जिससे हाथ एवं एक पैर टूट गया। उसको इलाज की दरकार है। कहा, पैसे के अभाव में अ’छे चिकित्सक से इलाज नहीं करा पा रहे। आयुष्मान स्वास्थ्य कार्ड तक नहीं बना है। किसी तरह पुत्री को एक निजी चिकित्सक के यहां भर्ती कराया। जिस पर 40 हजार रुपये खर्च आया। इसमें 30 हजार रुपये कर्ज हो गया। सरकार से सहायता की गुहार लगाई पर नहीं मिली। दोनों बेटे लॉकडाउन के कारण घर में बैठे हैं।
कुछ ने की मदद, फिर सब बेकार
माउंटेन मैन के पुत्र भागीरथ मांझी ने बताया कि पूर्व सांसद पप्पू यादव द्वारा कुछ वर्ष पूर्व एक लाख की मदद की गई थी। उसके बाद 10 हजार रुपये प्रति माह भेजते थे। वह भी एक वर्ष से बंद है। हालांकि बच्चे की बीमारी की सूचना उन्हें मिली तो कार्यकर्ताओं को भेजकर कुछ आर्थिक मदद की है। दशरथ मांझी के पुत्र भागीरथ मांझी को वृद्धापेंशन एवं पुत्री लौंगी देवी को विधवा पेंशन मिलती थी वह भी बंद कर दी गई है। उन्होंने कहा कि पिताजी के नाम पर फिल्म बनाई। फिल्म बनाते समय कहा गया था कि उचित राशि दी जाएगी जिसमें मात्र 50 हजार रुपये दिए गए। इस संबंध में नीमचक बथानी के अनुमंडल पदाधिकारी मनोज कुमार ने कहा कि दशरथ के परिवार के लोगों से मिलकर उन्हें कर्ज ली गई राशि के भुगतान का आश्वासन दिया गया है।