Patna:बद्रीनारायण भद्र, जब ये नाम आप गूगल पर सर्च करेंगे तो पहले ही नंबर पर इनके यूट्यूब चैनल का एड्रेस आएगा। पांच साल में बद्रीनारायण के यूट्यूब चैनल पर 15 लाख 60 हजार से भी ज्यादा सब्सक्राइबर हैं और वे हर महीने यूट्यूब से 60 से 70 हजार रुपए कमाते हैं। बद्री ओडिशा के जैजपुर जिले के एक छोटे से गांव जहल में रहते हैं। क्या है यूट्यूब पर उनकी सफलता की कहानी, जानिए उन्हीं की जुबानी। मैं फिल्म लाइन से रहा हूं। 2000 से 2004 तक मैंने दिल्ली, कोलकाता और मुंबई में थियेटर में काम किया। फिर 2004 से 2016 तक मुंबई में फिल्म डायरेक्शन की टीम में काम किया। 2016 में अपने गांव लौट आया।
जब फिल्मों के लिए काम करता था तो यूट्यूब पर ही हम लोगों के गाने और ट्रेलर रिलीज होते थे इसलिए मुझे इसका आइडिया था। लेकिन, यूट्यूब से कमाई कैसे की जा सकती है, यह 2016 तक नहीं पता था। ये जरूर पता था कि इससे कमाई की जा सकती है। 2016 में जब जियो ने 4जी लॉन्च किया तो गांव में मैंने ही सबसे पहले जियो की सिम खरीदी थी। उस समय तक मुझे यूट्यूब से कमाई का कोई बहुत ज्यादा आइडिया नहीं था। हमारे गांव में लंगूर बहुत होते हैं। हर तीन से चार दिन में लंगूरों का झुंड हमारे घर में होता है। लंगूर पूरे गांव में घूमते हैं। मेरी पत्नी मोनालिसा लंगूरों को कई सालों से मूंगफली खिला रही थी।
एक दिन वो हमेशा की तरह मूंगफली खिला रही थी तो मैंने उसका वीडियो बना लिया। वीडियो बनाने के बाद मुझे लगा कि यह यूट्यूब पर अपलोड करना चाहिए। फिर मैंने 19 मई 2016 को खुद के नाम से अपना यूट्यूब चैनल बनाया। चैनल कैसे बनाना है, ये भी यूट्यूब से ही सीखा। चैनल बनाने का क्राइटेरिया क्या होता है, वो पूरा पढ़ा और चैनल बना लिया। पत्नी का जो वीडियो बनाया था, वो अपलोड कर दिया। फिर मैं हर एक-दो दिन में पत्नी के वीडियो अपलोड कर देता था। पूरा वीडियो जियो फोन से ही बनाता था। फिर जो एडिटिंग के फ्री सॉफ्टवेयर हैं, जैसे फिल्मोरा, उससे मोबाइल पर ही एडिटिंग कर लेता था और वीडियो अपलोड कर देता था। 2017 आते-आते तक मैं 30 से 40 वीडियो अपलोड कर चुका था। एक वीडियो को शूट करने और अपलोड करने तक में दो से तीन घंटे का समय लगता था। फिर अपने आप ही वीडियो पर व्यूज बढ़ने लगे।
इनके प्रमोशन के लिए मैंने अलग से कुछ नहीं किया। बस मेरा कंटेंट यूनिक था। जब व्यूज आने लगे तो मैंने चैनल को मोनेटाइज कर दिया। इसके बाद विज्ञापन आने लगे और अपने आप व्यूज बढ़ने लगे। मुझे आज भी याद है कि 2017 में पहला पेमेंट 110 डॉलर (करीब 8 हजार रुपए) का आया था। जब पहली बार पैसे आए तो बहुत मोटिवेशन मिला। फिर सोच लिया था कि इससे ही कमाई करना है। फिर मैं पत्नी के लंगूरों को मूंगफली खिलाते हुए वीडियो शूट करने लगा। कभी हम लंगूरों को खिलाते थे, कभी बंदर, तो कभी गाय को खिलाते थे। मेरे घर में पत्नी के अलावा दो बच्चे हैं और दो मेरे भाई के बच्चे हैं। हम सब मिलकर वीडियो बनाने लगे और मैं उन्हें एडिट करके यूट्यूब पर अपलोड करता गया।
अभी तक अपने चैनल पर 1100 से ज्यादा वीडियो अपलोड कर चुका हूं और सब्सक्राइबर 15 लाख 60 हजार से ज्यादा हो चुके हैं। हर महीने 60 से 70 हजार रुपए की कमाई होती है। चार सालों में 15 लाख से ज्यादा की कमाई यूट्यूब से हो चुकी है। हालांकि, इसमें 20 से 25 हजार रुपए हम जानवरों को खिलाने पर ही खर्च करते हैं। लॉकडाउन में तो 30 हजार रुपए महीने तक जीव-जंतुओं के खाने पर खर्च किए। भविष्य में मेरा सेंक्चुरी बनाने का ही प्लान है। जिसमें जीव-जंतुओं को रखूं। उन्हें खिलाऊं-पिलाऊं। गौशाला भी खोलने की तैयारी है। जनवरी 2020 से तो मैं 17 से 18 घंटे यूट्यूब के लिए दे रहा हूं। दिन में फील्ड पर रहते हैं। नई-नई चीजें शूट करते हैं। फिर उन्हें एडिट करके यूट्यूब पर अपलोड करता हूं।
पूरा काम अब भी स्मार्टफोन से ही चल रहा है, हालांकि अब जियो की जगह सैमसंग का अच्छे कैमरे वाला फोन खरीद लिया है। यूट्यूब पर वीडियो चैनल शुरू करने और कमाई करने की चाह रखने वालों के लिए मेरी सलाह यही है कि अपना कंटेंट यूनिक रखें। ऐसा कंटेंट जिसमें कुछ सरप्राइज करने वाला हो। नया हो। लोगों को देखकर मजा आए। यदि ऐसा कंटेंट होगा तो लोग खुद ही आपके वीडियो को शेयर करेंगे और व्यूज बढ़ने लगेंगे। अपने आसपास जो भी ऐसी चीज देखें, जो सरप्राइजिंग लगे तो उसका वीडियो बना लें और फ्री सॉफ्टवेयर की मदद से फोन से ही एडिट करके यूट्यूब पर अपलोड करते जाएं। मैं भले ही फिल्मी लाइन से रहा हूं लेकिन इस काम में किसी डायरेक्शन की जरूरत नहीं। सिर्फ कंटेंट नया होना चाहिए।