Patna: मोटापा से ग्रसित लोगों के लिए खुशखबरी है। अब बेरिएट्रिक सर्जरी कराने उन्हें दिल्ली, इंदौर या अहमदाबाद नहीं जाना पड़ेगा। IGIMS में ही अब यह सर्जरी हो जाएगी। शनिवार से यहां इसकी शुरुआत हो गई है। गैस्ट्रो सर्जरी विभाग के डॉक्टरों की टीम ने सफलतापूर्वक सर्जरी की है। डॉ. साकेत ने बताया कि इससे पेट के आकार को कम किया जाएगा, जिससे मरीज को भूख कम लगेगी और मोटापा बढ़ाने वाले हार्मोन्स पर भी नियंत्रण होगा। IGIMS में सीतामढ़ी के 115 किलो के एक मरीज की सफलतापूर्वक सर्जरी की गई।
IGIMS राज्य का पहला हॉस्पिटल
IGIMS राज्य का पहला अस्पताल है, जहां ये सर्जरी हो रही है। इससे पहले मोटापा के मरीजों को बेरिएट्रिक सर्जरी के लिए दिल्ली, अहमदाबाद या इंदौर का रुख करना पड़ता था। हॉस्पिटल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ मनीष मंडल ने बताया की अभी तक बिहार में बेरियाट्रिक सर्जरी की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। इसके लिए उन्हें बाहर जाना पड़ता था, जहां प्राइवेट हॉस्पिटलों में इस सर्जरी के 3 – 4 लाख रुपए खर्च हो जाते थे। IGIMS में इसके लिए 50-60 हजार लग रहे हैं।
मोटापा है घातक
अनहेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल के कारण मोटापा अब आम समस्या हो गई है। देश में 5 लोगों में से 1 मोटापे से ग्रसित है। खासकर 25-40 साल के लोगों के लिए अब यह समस्या बन गई है। यह हार्ट अटैक, मधुमेह, फैटी लीवर, कैंसर और स्ट्रोक का कारण बन सकता है।
क्या है बेरियाट्रिक सर्जरी
बेरिएट्रिक सर्जरी वजन कम करने के लिए किया जाता है। मोटापा से परेशान लोग ये सर्जरी कराते हैं। मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल और स्लीप एपनिया से ग्रसित लोगों के लिए ये काफी कारगर है। वैसे तो बेरिएट्रिक सर्जरी कई तरह के हैं, लेकिन सर्जन सामान्य तौर पर तीन का उपयोग करते हैं – रॉक्स-एन-वाई गैस्ट्रिक बाईपास, वर्टिकल स्लीव गैस्ट्रेक्टॉमी और लैप्रोस्कोपिक एडजेस्टेबल गैस्ट्रिक बैंडिंग। सर्जरी से पेट का आकार छोटा किया जाता है, जिसमें पाचनतंत्र भी शामिल रहता है। इसके बाद भूख कम लगने लगती है जिससे लोग कम खाने लगते हैं। इससे उनका वजन धीरे-धीरे कम होने लगता है। ऑपरेशन के 1 दिन बाद मरीज ही मरीज खा सकते हैं और तीसरे दिन अस्पताल से घर जा सकते हैं। डॉ. मंडल ने कहा – “बेरिएट्रिक सर्जरी के बाद जीवनशैली में बदलाव लाना बहुत जरूरी हो जाता है। हेल्दी फूड हैबिट के साथ बैलेंस्ड लाइफस्टाइल से बीमारियों से छुटकारा मिलता है।”