Desk: अभी तक सरकारी स्कूल के विद्यार्थी स्मार्ट टीवी पर अपनी पढ़ाई करते थे लेकिन अब वे टैब से पढ़ाई करेंगे। इसकी शुरुआत गुरुवार को बांकीपुर बालिका उच्च माध्यमिक स्कूल से की गई।
बांकीपुर बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय की 50 और गर्दनीबाग बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय की नौंवी कक्षा की 50-50 छात्राएं शामिल हैं। पहले चरण में पटना जिले के दो स्कूलों का चयन किया गया है। शिक्षा विभाग द्वारा स्टेपएप के सहयोग से सौ छात्राओं को टैब दिया गया है। इस मौके पर प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि अभी पायलट प्रोजेक्ट के तहत राजधानी पटना के दो स्कूलों में यह शुरू किया गया है। इसके लिए पहले बालिका स्कूल को चुना गया है।
आगे प्रदेश भर के 50 माध्यमिक स्कूल में शुरू किया जाएगा। इसमें हर जिले से एक-एक स्कूल को शामिल किया जाएगा। नौंवीं कक्षा के छात्र-छात्राओं को उनकी सुविधा के लिए यह दिया गया है। इस मौके पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक गिरिवर दयाल, प्राथमिक शिक्षा निदेशक रंजीत कुमार, आरडीडीई सुरेंद्र कुमार, डीईओ ज्योति कुमार, डीपीओ नीरज कुमार, बांकीपुर गर्ल्स हाई स्कूल की प्राचार्य मीना कुमारी समेत शिक्षा विभाग के कई अधिकारी मौजूद थे।
ई-लर्निंग में करेगा मदद
देश भर के सभी केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, ट्राइवर स्कूल, आर्मी और नेवी स्कूल के अलावा गोवा, महाराष्ट और उतराखंड के सरकारी स्कूल में इस स्टेपएप सॉफ्टवेयर से पढ़ाई होती है। अभी तक 95306 विद्यार्थी जुड़े हैं। इस मौके पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक गिरिवर दयाल ने बताया कि ऑनलाइन पढ़ाई का महत्व कोरोना के बाद बढ़ा है। टेक्नोलॉजी को आगे बढ़ाने में स्टेपएप सॉफ्टवेयर काफी मदद करेगा। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के निदेशक संजय कुमार ने बताया कि टीचर लर्निंग का अगला कदम स्टेपएप का है।
नौंवी की छात्रा करिश्मा कुमारी ने कहा कि टैब से पढ़ने में बहुत मजा आता है। गेम के माध्यम से पढ़ने बहुत रुचिकर होता है। पढ़ाई करने में पता नहीं चलता। वहीं, छात्रा पायल कुमारी ने बताया कि हर टॉपिक को गेम में स्टेप वाइज बताया गया है।
क्या है स्टेपएप सॉफ्टवेयर
स्टेपएप (स्टूडेंट टैलेंट इनहैंस प्रोग्राम) सॉफ्टवेयर में एनसीईआरटी सिलेबस को डाला गया है। इसके अलावा कई स्टेट बोर्ड के सिलेबस को भी रखा गया है। इसमें हर चैप्टर के हर टॉपिक को गेम के माध्यम से बताया गया है। गेम को कई स्टेप में बनाया गया है। छात्र स्टेप वाइज अपनी पढ़ाई कर सकते हैं। इसके अलावा इसमें एक डैश बोर्ड भी है। डैश बोर्ड से शिक्षक द्वारा छात्र का परफार्मेंस देखा जा सकता है।