Patna: राज्य के 900 पुलिस थाने मार्च तक क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (सीसीटीएनएस) से जुड़ जाएंगे। खास बात यह होगी कि इन थानों के सीसीटीएनएस से जुड़ने के साथ ही आम लोगों के लिए कई तरह की ऑनलाइन सुविधाएं भी शुरू हो जाएंगी। एक पोर्टल भी लाॅन्च किया जाएगा।
इसके तहत ऑनलाइन शिकायतें, ऑनलाइन केस ट्रैकिंग, कैरेक्टर वेरिफिकेशन, कैरेक्टर वेरिफिकेशन के लिए ऑनलाइन आवेदन, सीनियर सिटीजन का रजिस्ट्रेशन, वाहनों का ऑनलाइन वेरिफिकेशन, सर्वेंट वेरिफिकेशन और मिसिंग पर्सन की ऑनलाइन जानकारी हासिल की जा सकेगी। राज्य पुलिस मुख्यालय के अनुसार अबतक 550 थाने सीसीटीएनएस से जुड़ गए हैं। जनवरी के अंत तक 110 थाने और जुड़ जाएंगे और 31 मार्च तक 900 थाने जुड़ जाएंगे। इसके साथ ही उन्हें कोर्ट से भी लिंक कर दिया जाएगा। सीसीटीएनएस से जुड़ने के साथ ही थानों के एफआईआर, केस डायरी, चार्जशीट और पूरा केस डिटेल ऑनलाइन हो जाएगा।
क्या है सीसीटीएनएस
सीसीटीएनएस के जरिए पुलिस पूरी तरह से डिजिटल हो जाएगी। यह नेटवर्क देशव्यापी होगा। यानी दिल्ली की पुलिस बिहार के किसी थाने में दर्ज एफआईआर को देख सकेगी। कोर्ट से अगर कोई वारंट निर्गत होता है तो पुलिस उसे कंप्यूटर पर देख पाएगी। अगर जेल में बंद किसी अपराधी का ब्योरा चाहिए तो वह भी ऑनलाइन उपलब्ध होगा।
1 करोड़ दस्तावेजों का किया जा रहा डिजिटाइजेशन
थानों में दर्ज मामलों का डिजिटाइजेशन भी किया जा रहा है। इसके तहत पिछले 10 वर्षों के करीब 1 करोड़ दस्तावेजों का डिजिटाइजेशन किया जा रहा है। सितंबर 2018 में डिजिटाइजेशन का काम शुरू किया गया था जिसे अक्टूबर 2020 में पूरा होना था, लेकिन लॉकडाउन के कारण काम प्रभावित रहा। पिछले दो महीनों में 28 लाख दस्तावेजों का डिजिटाइजेशन किया गया है। यह काम जुलाई अगस्त तक पूरा होने की उम्मीद है।
हर साल दर्ज की जाती हैं करीब सवा लाख एफआईआर
हर साल बिहार में सवा लाख एफआईआर दर्ज होती है। इस हिसाब से पिछले दस वर्ष के करीब सवा 12 लाख एफआईआर भी अपलोड किए जाएंगे। इसमें हर साल सवा लाख एफआईआर जुड़ते जाएंगे। एससीआरबी के एडीजी डॉ. किशोर सिंह के अनुसार एक पोर्टल भी लॉन्च होगा।