Patna:बिहार सीएम नीतीश कुमार ने एक बेहद खास परियोजना का शिलान्यास किया है। इस परियोजना के तहत 266 करोड़ रुपये खर्च कर बिहार में रबर डैम बनाया जा रहा है। यह बिहार का पहला रबर डैम होगा। आजतक आपने कंक्रीट के डैम तो देखे होंगे लेकिन हमें इसका पूरा अंदाजा है कि आपने रबर डैम नहीं देखा होगा। हम आपको इस डैम के बारे में विस्तार से बताएंगे। लेकिन उससे पहले आप यह जान लीजिए कि आखिरकार यह प्रोजेक्ट बिहार में कहां बन रहा है। असल में यह रबर डैम गया जिले में फल्गू नदी पर बनाया जाना है।
मंदिर के पास पूरे साल भर पानी रहे, कुछ ऐसा है लक्ष्य
असल में गया में प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर है। फल्गू नदी का पानी गर्मियों में सूखने पर दर्शनार्थियों को जलते बालू से समस्या होती है। गया में पिंडदान के लिए भी फल्गु नदी का अपना धार्मिक महत्व है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस नदी की संरचना ऐसी है कि इसमें पानी का ठहराव नहीं गोता। गर्मी के मौसम में पानी काफी कम हो जाता है। बिहार के अधिकारी रबर डैम परियोजना को बिहार के लिए अनूठा बता रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक इस डैम के बन जाने से फल्गू नदी में हमेशा दो फीट पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकेगी।
बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने भी ट्वीट कर कुछ ऐसी ही बात कही है। उन्होंने अपने ट्वीट में सीएम नीतीश कुमार के हवाले से लिखा है, ‘आज प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर के निकट फल्गू नदी के तट पर रबर डैम बनाने का कार्य शुरू हो रहा है। वहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु तर्पण एवं पिंडदान के लिए आते हैं। उनके लिए सालोभर जल संरक्षित रहेगा। इससे उन्हें काफी सुविधा होगी।’ रिपोर्ट के मुताबिक 266 करोड़ की इस परियोजना को 3 साल में पूरा कर लिया जाएगा।
405 मीटर लंबा होगा डैम, जानें क्या होता है खास
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फल्गू नदी पर बनने वाले इस रबर डैम की लंबाई 405 मीटर होगी। इसके अलावा इसकी ऊंचाई 3 मीटर होगी। रिपोर्ट्स की मानें तो इसपर 405 मीटर लंबा पैदल पार पथ भी बनेगा। ऐसा हुआ तो ये खुद में एक दर्शनीय जगह भी बन जाएगा। अब आपको बताते हैं कि रबर डैम या रबर बांध की इस तकनीक में क्या खास होता है। असल में ये रबर डैम साउथ कोरियो और चीन जैसे देशों में वर्षों से इस्तेमाल में आ रहे हैं। रबर डैम छोटी नदियों पर बनाए जाते हैं। इनमें अलग से स्पिल वे नहीं बनाया जाता। आप इसे कंक्रीट की नींव पर रखे रबर के एक ब्लाडर के रूप में समझिए। यही ब्लाडर स्पिल-वे और बांध, दोनों का काम करता है। यह रबर बुलेट प्रूफ होता है, यानी आप इसमें छेद नहीं कर सकते। जरूरत के हिसाब से इसका आकार छोटा या बड़ा किया जा सकता है।
क्या आप जानते हैं कि भारत का पहला रबर डैम कहां बना था?
अब आपके लिए यह जीके का एक सवाल भी हो सकता है। अरे भाई हम मजाक नहीं कर रहे हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं में अक्सर ऐसे सवाल पूछे जाते हैं। तो चलिए आपकी इस जिज्ञासा का समाधान भी हम कर ही देते हैं। असल में भारत का पहला रबर बांधी आंध्र प्रदेश में 2006 में बनाया गया था। आंध्र प्रदेश के विजयनगरम जिले की झांझावती नदी पर देश का पहला रबर डैम बनाया गया था। तब इसे बनाने में आस्ट्रिया के विशेषज्ञों की मदद ली गई थी। इस रबर डैम की तस्वीरों को आप यहां नीचे देख सकते हैं।