Patna: डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय सोमवार सुबह अचानक गौनाहा के कटराव गांव पहुंचे। पुलिस का काफिला देखकर पहले तो गांव के लोग घबराए, लेकिन डीजीपी के आने की जानकारी मिलने पर खुश हो गए। लोगों ने डीजीपी का स्वागत किया। डीजीपी ने कहा कि कटराव अद्भुत गांव है। यहां आजादी के बाद एक भी एफआईआर थाने या कोर्ट में दर्ज नहीं हुई है।
गांव के बाइक मिस्त्री गुड्डू महतो व किसान नितेश महतो से डीजीपी ने पूछा झगड़ा तो होता ही होगा आपलोगों के बीच, फिर भी कोई केस नहीं, ऐसा क्यों। दोनों ने बताया कि वे लोग किसी भी झगड़े या विवाद का हल मिल-बैठकर निकालते हैं। पुरुषों के मामले पुरुष व महिलाओं के मामले महिलाएं सुलझाती हैं। इसके बाद डीजीपी ने खेती-बारी के बारे में लोगों से जानकारी ली।
आधा घंटे के दौरे में डीजीपी गांव की व्यवस्था देखकर आश्चर्य जताया। कहा कि देशभर के गांवों से इन लोगों से सीख लेनी चाहिए। उन्होंने कटराव की धरती को प्रणाम किया। लोगों को मास्क लगाए व सोशल डिस्टेंस मेंटेन करते देख डीजीपी गदगद हो गए। लोगों से इसे मेंटेन रखने की अपील की। डीजीपी रविवार देर रात बेतिया पहुंचे। यहां वे सर्किट हाउस में ठहरे थे। सुबह में टहलने के दौरान उन्हें कटराव गांव के बारे में जानकारी मिल। बस क्या था अकेले ही गांव पहुंच गए।
गांव के मुखिया सुनील कुमार गढ़वाल ने बताया कि डीजीपी 8.30 बजे गांव में पहुंचे। पहुंचते ही उन्होंने ग्रामीणों से बातचीत की। गांव में घुमे और माहौला गमा। हरिनारायण महतो की पत्नी चंपा देवी के मिट्टी के घर का मुआयना किया। कहा कि मिट्टी का होते हुए घर बहुत साफ-सुथरा है। इसी स्वच्छा से बीमारी दूर रहेगी। इसके बाद उन्होंने जाता (घरेलू चक्की) देखी। इस पर हाथ भी आजमाया। यहां निकलने के लिए उन्होंने पैर आगे बढ़ाया ही था कि चंपा ने कहा साहेब जलपान नहीं कीजिएगा। डीजीपी ने पूछा क्या बनाए हैं? चंपा ने जवाब दिया रोटी बनाएं हैं। डीजीपी ने कहा एक रोटी-नमक-और मिर्ची ले आइए। बड़े चाव से डीजीपी ने रोटी खाई कहा कि बचपन की यादें ताजा हो गई। आज के खाने में इस रोटी-नमक-मिर्च जैसा स्वाद कहां है? इसके बाद नौ बजे डीजीपी बेतिया लौट गए।