Patna:बिहार के नालंदा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एनएमसीएच) में शनिवार से गंभीर रूप से पीड़ित कोरोना संक्रिमत मरीजों का इलाज प्लाज्मा थेरेपी से भी किया जाएगा। इसका निर्णय शुक्रवार को प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल की अध्यक्षता में हुई रोगी कल्याण समिति की बैठक में लिया गया।
प्रमंडलीय आयुक्त ने नालंदा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (Nalanda Medical College and Hospital, NMCH) के प्राचार्य और अधीक्षक आदि के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक कर अस्पताल में कोविड-19 से संबंधित इलाज की सुचारु एवं सुदृढ़ व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
आयुक्त ने बताया कि पहले सिर्फ पटना एम्स (AIIMS Patna)में प्लाज्मा थेरेपी (plasma therapy treatment) से इलाज की शुरुआत की गई थी। यहां प्लाज्मा थेरेपी के जरिए कई गंभीर मरीजों का सफल इलाज किया गया है एवं कई मरीज ठीक होकर घर लौटे हैं। गंभीर रूप से पीड़ित कोरोना मरीजों का बेहतर इलाज किया जा सके, इसके लिए अब एनएमसीएच में भी प्लाज्मा थेरेपी से इलाज शुरू करने का निर्णय लिया गया है।
वर्तमान में एनएमसीएच(NMCH) में प्लाज्मा डोनेट करने की सुविधा नहीं है, इसलिए आईजीआईएमएस से सीनियर डॉक्टर की देखरेख में डोनेट प्लाज्मा को एनएमसीएच लाया जाएगा और यहां प्लाज्मा थेरेपी से इलाज किया जाएगा। लोगों की सुविधा को देखते हुए एनएमसीएच हेल्प डेस्क के माध्यम से इच्छुक प्लाज्मा डोनर अपना प्लाज्मा डोनेट करने के लिए संपर्क कर सकते हैं। आईजीआईएमएस से समन्वय कर उनका प्लाज्मा लिया जाएगा।
एनएमसीएच में प्लाज्मा थेरेपी से मरीजों का इलाज किया जा सके, इसके लिए अस्पताल में तकनीकी एवं अन्य सभी तरह की व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है। अस्पताल में वार्ड ब्वॉय की संख्या 93 से बढ़ाकर 150 की गयी है। प्रमंडलीय आयुक्त ने कोराना योद्धाओं से अपील है कि अपना प्लाज्मा डोनेट कर गंभीर रूप से संक्रिमत कोराना मरीजों की जान बचाने के लिए आगे बढ़ें। ऐसे कोरोना योद्धाओं को जिला प्रशासन द्वारा सम्मानित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि एनएमसीएच के चिकित्सीय एवं अन्य व्यवस्थाओं में लगातार सुधार हो रहा है। मरीजों को अधिक से अधिक बेहतर सुविधा मिल सके, इसकी लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। सभी तरह की दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने तथा मानक के अनुसार मरीजों को डायट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। आयुक्त ने अस्पताल में विधि व्यवस्था को बनाए रखने के लिए अनुमंडल पदाधिकारी, पटना सिटी को प्रतिदिन एनएमसीएच का निरीक्षण करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही पालीवार डॉक्टरों को वार्ड में विजिट करने का निर्देश दिया।
क्या है प्लाज्मा थेरेपी
प्लाज्मा थेरेपी में कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों के शरीर से लिए गए प्लाज्मा को कोराना के एक्टिव मरीजों के शरीर में डाला जाता है, जिससे उस मरीज के शरीर में कोरोना से लड़ने की एंटीबॉडी बन जाती है।