Patna:राज्य सरकार पूरे बिहार में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए लॉकडाउन लगाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। मंगलवार को इस पर निर्णय लिया जाएगा। राज्य में पिछले दो दिनों से रोज एक हजार से अधिक कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं। हालांकि बिहार में कोरोना संक्रमितों के ठीक होने का दर अभी 71 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत से काफी अच्छा है। वहीं, 12,364 कोरोना के मरीज ठीक होकर घर भी चले गए हैं। इसके बावजूद सरकार एहतिहातन पूरे राज्य में लॉकडाउन पर विचार कर रही है।
तो वहीं मुख्य सचिव दीपक कुमार ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में कहा है कि इस विषय पर मंगलवार को अंतिम निर्णय लिया जाएगा। गौरतलब हो कि राज्य में पटना समेत कई जिलों में लॉकडाउन लागू है। पर, इसे और व्यापक रूप दिए जाने पर विचार चल रहा है। ताकि संक्रमण की चेन को तोड़ने के साथ ही इसके प्रसार को रोका जा सके। ज्ञात हो कि पूरे बिहार समेत पूरे देश में 24 मार्च की रात से 31 मई तक पूर्ण लॉकडाउन रहा। इसके बाद जून में अनलॉक-1 और फिर जुलाई में अनलॉक-2 लागू हुआ था। ऐसे में अब बिहार में फिर से 21 दिन के लॉकडाउन की बात चल रही है.
बिहार में 21 दिन के लॉकडाउन से टूटेगी ट्रांसमिशन चेन
आईए समझते हैं कि लॉकडाउन 21 दिन ही क्यों रखा जा सकता है. इसके पीछे वैज्ञानिक कारण हैं. दुनिया भर में कोरोना वायरस पर किए गए शोध में साफ हुआ है कि इस वायरस का इनक्यूबेशन पीरियड 14 दिन का है यानी संक्रमित व्यक्ति में इस दौरान लक्षण दिखाई देने शुरू हो जाते हैं. हालांकि, कुछ लोगों में ये जल्दी भी दिखाई दे सकते हैं. रियूमाटोलॉजिस्ट एंड इम्यूनोलॉजिस्ट डॉ. स्कंद शुक्ल ने कहा कि इस अवधि में लक्षण सामने आने पर संक्रमित व्यक्ति को आइसोलेट कर इलाज शुरू किया जा सकता है. इसके बाद उसके संपर्क में आए लोगों की जानकारी जुटाकर उन्हें क्वारंटीन कर निगरानी की जा सकती है. वहीं, पहले से संक्रमित लोग अगले 14 दिन में स्वस्थ्य हो जाएंगे. चीन के वैज्ञानिकों के शोध में पता चला था कि संक्रमण से उबर चुका व्यक्ति अगले 5 से 7 दिन तक अन्य लोगों को संक्रमित कर सकता है. सरकार ने इन सभी वैज्ञानिक तथ्यों को ध्यान में रखकर 21 दिन का लॉकडाउन रखने पर विचार कर रही है.
कोरोना वायरस बहुत बड़ी समस्या है, जबकि इससे निपटने के संसाधन बहुत ही कम हैं. ऐसे में जरूरी हो जाता है कि संक्रमण को फैलने से रोककर समस्या को छोटा कर दिया जाए ताकि उपलब्ध संसाधनों के जरिये ही इससे निपटा जा सके. साथ ही इस दौरान सरकार को मुकाबले के लिए संसाधनों में इजाफा करने को 3 हफ्तों का समय मिल जाएगा. इस दौरान सरकार बड़ी मात्रा में टेस्ट किट, मास्क और दूसरे उपकरण तैयार करा लेगी.