Patna: बिहार विधानसभा चुनाव में दूसरे और तीसरे चरण का मतदान बाकी है. रविवार को दूसरे चरण के मतदान लिए चुनाव प्रचार थम गया. दूसरे फेज की वोटिंग से पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने कद को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. एनडीए की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी और उनके शीर्ष नेताओं को लेकर सीएम ने काफी अहम बयान दिया है.
बिहार के मुखिया और जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने एनडीए की ओर से सीएम का चेहरा बनाये जाने को लेकर बड़ा बयान दिया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि, ‘भाजपा और जेडीयू एक साथ काम कर रही है. केंद्र और राज्य सरकार मिलकर काम कर रही है. कई योजनाओं को बनाकर बिहार के लिए काम किया गया है. इन सब चीजों में केंद्र और राज्य सरकार मिलकर काम कर रही है.’
सीएम पद का दावेदार बनाये जाने के लिए भाजपा के शीर्ष नेताओं को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि, ‘पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने खुद ही उन्हें सीएम पद का उम्मीदवार चुना है.’ नीतीश ने कहा कि, ;हम कभी कहने नहीं गए. किसी ने कभी सुना है. हमारी पार्टी (जेडीयू) ने कभी कहा है कि हमको सीएम बनना है ? ये तो वही लोग बोल रहे हैं.’
नीतीश कुमार ने बताया कि, ‘आगे काम करने को मिलेगा तो वह काम करेंगे. हम लोग साथ हैं. साथ मिलकर काम कर रहे हैं. साथ मिलकर बिहार को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे. यह एनडीए का संकल्प है.’
उधर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्ष के ऊपर भी करारा हमला बोला. नीतीश कुमार ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को निशाने पर लिया है. नीतीश कुमार ने उनके पास्ट लाइफ के बारे में सवाल उठाया है. बहुत ही कड़े शब्दों का प्रयोग करते हुए उन्होंने कहा कि ये लोग पहले क्या करते थे.सीएम नीतीश ने कहा कि क्रिकेट और सिनेमा से आने वाले लोग क्या बोलेंगे. बिना किसी का नाम लिए उन्होंने कहा कि पता नहीं क्या-क्या बोलते रहता है.
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के चुनावी वादे पर नीतीश ने चोट किया है. 10 लाख बेरोजगारों को नौकरी देने के वादे पर नीतीश ने लालू के बेटे पर निशाना साधा है. सीएम नीतीश ने कहा कि विपक्ष हमको क्या घेरेगा ? ये लोग जो बोल रहे हैं, क्या कभी किसी ने राज्य के बारे में सोचा है, किसी को सरकारी नौकरी क्या मिली है. उनका 15 साल जो राज था, उस राज्य में 10 साल झारखण्ड और बिहार एक था. 15 साल बिहार-झारखण्ड के साथ इन्होने कुल कितनी नौकरी दी थी. मात्रा 95000 हजार नौकरियां दी गई थीं.
उन्होंने कहा कि हमलोगों को जो मौका मिला, उसमें 6 लाख से ज्यादा बरोजगारों को नौकरी दी गई. और भी कितने लोगों का इंटरव्यू चल रहा है. विपक्ष जिस तरीके की बात कर रहा है, वह हास्यास्पद है. एक लाख 44 हजार करोड़ रुपया एक साल में न्यूनतम चाहिए. जब वह राज कर रहे थे उनका बजट कितना था. जो कह रहे हैं क्या वह कर देंगे.