Patna: बिहार की महिलाओं को सशक्त और सक्षम बनाने बनाने के लिए सीएम नीतीश ने एक बार फिर से बड़ा कदम उठाया हैं। उन्होंने अब महिलाओं को अनुमंडल दंडाधिकारी (SDM), प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO), अंचल अधिकारी (CO) और थानाध्यक्ष (SHO) के पदस्थापन और स्थानांतरण में 35 प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित करने का आदेश दिया हैं। नीतीश सरकार ने अब पोस्टिंग में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया है।
आपको बता दें कि राज्य सरकार ने नौकरियों में महिलाओं को पहले से 35 प्रतिशत का आरक्षण दे रखा है। अब सरकार की कोशिश है कि आरक्षण के अनुपात में महिलाएं एसडीएम, बीडीओ, सीओ और थानेदार के पद पर भी तैनात रहें। आत्मनिर्भर बिहार के सा त निश्चय-2 योजना में ‘सशक्त महिला, सक्षम महिला’ का निश्चय भी शामिल है।
दरअसल इसी साल 15 जनवरी को सामान्य प्रशासन विभाग ने इस बाबत सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव और विभागाध्यक्षों को पत्र लिखा था। ऐसे में अब 1 जुलाई को बिहार विकास मिशन के अंतर्गत युवा उप मिशन से संबंधित सात निश्चय और सुशासन के कार्यक्रमों की समीक्षा होनी है। इसी के मद्देनजर सामान्य प्रशासन विभाग ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर अंचल अधिकारी के पद पर तैनात महिला अफसरों की संख्या बताने को कहा है। ताकि यह रिपोर्ट बिहार विकास मिशन को भेजी जा सके।
आपको बता दें कि सूबे की महिलाओं के लिए राज्य सरकार ने हाल में ही मेडिकल और इंजीनियर कॉलेजों में नामांकन में आरक्षण का प्रावधान किया है। एक-तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं। खेल विश्वविद्यालय में भी महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है। इसके अलावा पंचायत और नगर निकाय के चुनाव में महिलाओं के लिए आधी सीटें आरक्षित हैं। बिहार देश का पहला राज्य हैं जिसने न सिर्फ पंचायत और नगर निकाय के चुनाव में महिलाओं को आरक्षण दिया बल्कि उनके लिए 50 प्रतिशत पद भी आरक्षित श्रेणी में रखे गए।
उधर राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों के 50 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए हैं। वहीं राज्य सरकार द्वारा नौकरियों में महिलाओं को दिए गए 35 प्रतिशत आरक्षण के अनुपात में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में महिला शिक्षकों की नियुक्ति का प्रावधान किया गया है।
आपको ये भी जानकारी दें दे कि बिहार देश का पहला राज्य है जिसने सिपाही से लेकर दारोगा तक की सीधी नियुक्ति में 35 प्रतिशत आरक्षण महिलाओं को दिया है। सिपाही और दारोगा की बहाली में इसके अतिरिक्त 3 प्रतिशत पद पहले से पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित है।