Patna: लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) पटना में हैं. स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) के अवसर पर वे पटना के पार्टी कार्यालय में ध्वजारोहण करेंगे. शनिवार को उन्होंने पार्टी की राज्य कार्यकारिणी की बैठक भी बुलाई है. इन दिनों जनता दल यूनाइटेड (JDU) सुप्रीमो व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से उनकी तकरार तथा दोनों दलों के तनाव के बीच अचानक उनका पटना आना कई कयासों को जन्म दे रहा है. माना जा रहा है कि राज्य कार्यकारिणी की बैठक में बिहार विधान सभा (Bihar Assembly Election) चुनाव के साथ जेडीयू से संबंध पर भी चर्चा होगी. एलजेपी बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस ले सकती है.
शुक्रवार को अचानक पटना पहुंचे चिराग
चिराग पासवान शुक्रवार को अचानक पटना पहुंचे. उनके आने की भनक तक पार्टी के कार्यकर्ताओं को नहीं लगने दी गयी. पार्टी नेताओं ने कहा कि ऐसा कोरोना की वजह से किया गया, ताकि एयरपोर्ट परिसर में कार्यकर्ताओं की भीड़ नहीं जुुटे.
आज कर रहे राज्य कार्यकारिणी की बैठक
शनिवार को उन्होंने एलजेपी राज्य कार्यकारिणी की बैठक पार्टी दफ्तर में बुलायी है. वे स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर वहां ध्वजारोहण भी करेंगे.
जेडीयू के एलजेपी रिश्ते पर होगी चर्चा
चिराग पासवान कोरोना काल में अचानक पटना पहुंचे हैं. राजनीतिक गलियारे में अभी उनके वक्तव्य और ट्वीट को लेकर काफी गहमागहमी है. वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ लगातार बोल रहे हैं. एलजेपी की अचानक बुलायी गयी राज्य कार्यकारिणी की बैठक में जेडीयू के साथ एलजेपी के रिश्ते पर विशेष रूप से चर्चा संभव है. चिराग पासवान के आते ही शुक्रवार की शाम यह चर्चा फैली कि शनिवार को वे बिहार सरकार से अपना समर्थन वापस ले सकते हैं. हालांकि, एलजेपी ने आधिकारिक तौर इसका खंडन किया है. शनिवार को पार्टी दफ्तर में एलजेपी की बैठक 10 बजे से है.
आलोचना नहीं, जनता की बात कर रहे
पटना पहुंचे चिराग ने कहा कि वे सरकार की आलोचना नहीं कर रहे, बल्कि जनता की बातों को मुख्यमंत्री तक पहुंचा रहे हैं. चिराग ने कहा कि वे अपने ट्वीट से किसी को निशाना नहीं बना रहे. वे जनता की बात कर रहे हैं.
ललन सिंह के लिए चिराग ने कही ये बात
मालूम हो कि दो दिन पूर्व चिराग पासवान को लोकसभा में जेडीयू संसदीय दल के नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कालीदास की उपमा देते हुए कहा था कि वे जिस डाल पर बैठे हैं, उसे ही काट रहे हैं. यह भी कहा था कि वे विपक्ष की भूमिका में हैं. इसके बाद एलजेपी नेताओं ने ललन सिंह के खिलाफ बयान देना शुरू कर दिया था. इसके बाद दोनों दलों के रिश्तों में तनाव चरम पर पहुंच गया है. हालांकि, इसपर प्रतिक्रिया देते हुए चिराग ने कहा कि ललन सिंह अभिभावक के रूप में हैं, इसलिए वे उनके खिलाफ कुछ नहीं कहेंगे.
बीजेपी अध्यक्ष से मिलकर की चर्चा
चिराग ने भले ही पटना पहुंचने पर ललन सिंह को अभिभावक बताया हो, लेकिन समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार उन्होंने पटना आने के पहले दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (BJP) अध्यक्ष जेपर नड्डा (JP Nadda) से मिलकर अपनी बात रखी. एलजेपी का कहना है कि ललन सिंह ने पासवान के उस ट्वीट का मजाक उड़ाया, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा नीतीश कुमार समेत अन्य मुख्यमंत्रियों से कोरोना की जांच बढ़ाने की अपील की प्रशंसा की थी.
नीतीश सरकार से समर्थन वापसी संभव
समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार एलजेपी के एक नेता ने कहा है कि ललन सिंह ने प्रधानमंत्री का अपमान किया है, इसलिए पार्टी नीतीश सरकार से समर्थन वापस ले सकती है. 243 सदस्यों वाली बिहार विधानसभा में एलजेपी के केवल दो विधायक होने के कारण इस समर्थन वापसी का सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन इससे राज्य में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में बीजेपी के दो सहयोगी दलों के रिश्ते जरूर खराब होंगे.