Desk: लोजपा में टूट की खबर सुनते ही चिराग पासवान अपने चाचा और बागी सांसदों के नेता पशुपति कुमार पारस के घर पहुंचे। नई दिल्ली स्थित चाचा के आवास के बाहर चिराग को अपनी कार में ही करीब 20 मिनट तक इंताजर करना पड़ा। इसके बाद ही चिराग को घर में एंट्री मिल सकी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ताजा परिस्थितियों में चिराग राष्ट्रीय अध्यक्ष पद छोड़ने को तैयार हो गए हैं। उन्होंने नया दांव चलते हुए अपनी मां रीना पासवान को लोजपा की कमान सौंपने की मांग की है।
हालांकि अभी तक अपने चाचा और सांसद पशुपति कुमार पारस से चिराग की मुलाकात नहीं हो सकी है। सांसद पशुपति उनके पहुंचने के थोड़ी देर पहले ही घर से निकल चुके थे। गौरतलब है कि लोक जन शक्ति पार्टी के पांच सांसदों ने चिराग पासवान से किनारा बना लिया है। इससे बिहार की राजनीति में भूचाल सा आ गया है। छह में से पांच सांसदों की बगावत पर उनके चाचा ने कहा है कि सभी चाहते थे कि लोजपा एनडीए में बनी रहे और साथ मिलकर ही चुनाव लड़े लेकिन कुछ लोगों के प्रभाव में चिराग ने इसके विपरीत निर्णय लिया।
उधर, चिराग के पहुंचने से पहले ही घर से निकल गए पशुपति कुमार पारस ने पांचों बागी सांसदों के साथ लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला से मुलाकात की है। मीडिया में इस मुलाकात की तस्वीरें भी जारी हुई हैं। बागी सांसदों ने लोकसभा स्पीकर को लोजपा में हुए ताजा घटनाक्रम के बारे में एक पत्र भी सौंपा है। माना जा रहा है कि इस पत्र में चिराग पासवान को हटाकर पशुपति कुमार पारस को लोजपा संसदीय दल का नया नेता चुने जाने की जानकारी लोकसभा स्पीकर को दी गई है।
गौरतलब है कि रविवार को पशुपति पारस के नेतृत्व में पार्टी के 6 सांसदों में से 5 सांसदों ने चिराग पासवान के खिलाफ बगावत कर दी थी। सोमवार को चिराग को हटाकर पशुपति पारस पासवान को संसदीय दल का नया नेता चुन लिया गया है। चाचा के इस कदम के बाद लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान बिल्कुल अकेले पड़ गए हैं। बागी सांसदों ने उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष मानने से भी इनकार कर दिया है। जिन पांच सांसदों ने चिराग से अलग होने का फैसला लिया है उनमें पशुपति पारस पासवान (चाचा), प्रिंस राज (चचेरे भाई), चंदन सिंह, वीणा देवी, और महबूब अली केशर शामिल हैं। अब चिराग पार्टी में बिल्कुल अकेले रह गए हैं।