Patna: कांच ही बांस के बहंगिया बहंगी लचकत जाये… जय छठी मईया उ जे केरवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा… बांस का कठौत, सूप, मिट्टी का चूल्हा, दीया, मिट्टी के हाथी आदि ये सारी पारंपरिक चीजों की छठ महापर्व पर बहुत मांग होती है। कोरोना के कारण छठ की खरीदारी के लिए बार-बार बाजार न जाना पड़े और आसानी से सारा कुछ घर पर उपलब्ध हो, इसके लिए बस, अब एक क्लिक करने की जरूरत होगी।
कुछ युवाओं ने मिलकर एक वेबसाइट तैयार किया है। क्राफ्ट डॉट कॉम नाम की इस वेबसाइट पर बस एक क्लिक करने की जरूरत है। वेबसाइट के हेड राकेश कुमार ने बताया कि बुकिंग शुरू हो चुकी है। पटना के साथ बिहार के दूसरे जिलों में रह रहे व्रती को भी यह सुविधा दी जायेगी।
अब तक पांच सौ से ज्यादा बुकिंग
उन्होंने बताया कि छठ महापर्व के लिए अभी बांस और मिट्टी के समान के लिए बुकिंग ली जा रही है। अभी तक पांच सौ से अधिक बुकिंग हो चुकी है। इसमें पटना से केवल दो सौ लोगों ने बुकिंग करवायी है। बुकिंग लेने के बाद होम डिलेवरी की जायेगी। राकेश कुमार ने बताया कि इस काम में गांव की महिलाओं की मदद ली जा रही है। अभी से सामान को आर्डर के अनुसार तैयार किया जा रहा है।
17 से बुकिंग और 18 से होम डिलेवरी
छठ महापर्व 18 से 21 तक होगा। चार दिनों के इस महापर्व की शुरुआत खरना से होती है। व्रती छठ की खरीदारी नहाय खाय के दिन करते हैं। ऐसे में आर्डर के सामान को 18 नवंबर को होम डिलेवरी करवाया जायेगा।
पटना के तालाबों पर भी छठ पूजा की शुरू नहीं हुई तैयारी
छठ पूजा को लेकर शहर के तालाबों पर भी अभी तक तैयारी शुरू नहीं हो पायी है। पिछले वर्ष गंगा घाटों पर भीड़ कम करने के लिए शहर के तालाबों और पार्कों में छठ पूजा के लिए व्यवस्था की गई थी। नगर निगम की ओर से इन जगहों पर गंगा का पानी डालकर इसे पूजा योग्य बनाया गया था। लेकिन इस वर्ष लोगों को घर में ही छठ पूजा करने के लिए जिला प्रशासन जागरूकता अभियान चलाने की बात कह रहा है। मानिकचंद, कच्ची तालाब और गर्दनीबाग पंचशिव मंदिर तालाब में गंदगी पसरी है। छठ व्रतियों के पास पूजा के लिए जो विकल्प थे उसमें गंगा घाट, तालाब और पार्कों में कृत्रिम तालाब शामिल था लेकिन इस बार ऐसा लग रहा है कि ये तीनों विकल्प पर छठ पूजा नहीं होगी। पिछली बार जिला प्रशासन ने 23 पार्कों का चयन किया था। नूतन राजधानी अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी कुमार पंकज ने बताया कि छठ घाटों और तालाबों की सफाई शुरू करा दी गई है। कच्ची तालाब की सीढ़ियों पर लगे कीचड़ को साफ किया गया है। वहीं अंचल के हिस्से में जो घाट हैं उनकी सफाई शुरू करा दी गई है।