Patna: चुनाव के मौसम में टिकटों को लेकर जारी घमासान के बीच भाजपा ने पार्टी के नौ बागियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। उनमें से अधिसंख्य लोजपा के टिकट पर ताल ठोक रहे हैं। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह, राष्ट्रीय मंत्री रहे रामेश्वर चौरसिया, पूर्व विधायक डॉ. ऊषा विद्यार्थी, विधायक रवींद्र यादव, इंदु कश्यप, श्वेता सिंह, अनिल कुमार, मृणाल शेखर और अजय प्रताप कार्रवाई के दायरे में आए हैं। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने इन बागी नेताओं के विरुद्ध कार्रवाई का निर्देश जारी कर दिया है।
पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल होने का आरोप
निलंबित किए गए नेताओं पर आरोप है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव मैदान में उतर कर वे सभी पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल हो गए हैं। उनके इस रुख-रवैये से भाजपा की छवि धूमिल हो रही है। वे पार्टी में बने रहने के लायक नहीं। इस तरह उनकी प्राथमिक सदस्यता खत्म की जा रही है।
अधिसंख्य लोजपा तो कुछ निर्दलीय ठोक रहे ताल
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का निर्वहन कर चुके राजेंद्र सिंह रोहतास जिला में दिनारा से लोजपा के प्रत्याशी हंै। उनके मुकाबले में जदयू के मंत्री जय कुमार सिंह हैं। पिछली बार भी दोनों में मुकाबला हुआ था। तब राजेंद्र सिंह भाजपा के प्रत्याशी थे और चुनाव हार गए थे। रामेश्वर चौरसिया नोखा से विधायक रह चुके हैं। इस बार वे सासाराम में लोजपा के सिंबल पर ताल ठोक रहे। ऊषा विद्यार्थी और रवींद्र यादव क्रमश: पालीगंज और झाझा में भी लोजपा के उम्मीदवार हैं। राजग में समझौते के तहत वे सीटें जदयू को गई हैं। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य इंदु कश्यप जहानाबाद के मैदान में बतौर लोजपा उम्मीदवार किस्मत आजमा रहीं। मृणाल शेखर बांका जिला में अमरपुर से लोजपा के टिकट पर ताल ठोक रहे। पिछली बार वे वहां भाजपा के अधिकृत उम्मीदवार थे और चुनाव हार गए थे। अजय प्रताप जमुई से और अनिल कुमार पटना जिला में बिक्रम से निर्दलीय उम्मीदवार हैं। पिछली बार उसी इलाके में भाजपा के टिकट पर दोनों खेत रहे थे। श्वेता सिंह भोजपुर जिला में संदेश से पहली बार चुनाव मैदान में हैं।