Patna: साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने एक सप्ताह से बकाया राशि की रिकवरी के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाया हुआ है। रविवार को काउंटर खोलने के साथ अब छापेमारी कर कनेक्शन काटे जा रहे हैं। कंपनी रिकवरी को लेकर क्यों परेशान है, इसका खुलासा दैनिक भास्कर करने जा रहा है। लॉकडाउन के दौरान कंपनी को बकाया की अब तक की सबसे बड़ी चोट लगी है। इस दौरान कंपनी का 600 करोड़ का बकाया हुआ है, जिसकी रिकवरी के लिए हर स्तर पर कार्रवाई की जा रही है। कंपनी का कुल 3000 करोड़ का बकाया है जिसकी रिकवरी को लेकर अभियान चलाया जा रहा है।
ऑनलाइन पेमेंट वालों ने ही भरा बिल
साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी का 12 माह में जितना बकाया होता था, लॉकडाउन के दौरान उससे अधिक का बकाया हो गया है। 6 माह में कंपनी का 600 करोड़ का बकाया हो गया है। इतनी बकाया राशि लगभग एक साल में होती है। कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि लॉकडाउन में उन्हीं लोगों ने बिल का भुगतान किया है जो ऑनलाइन पेमेंट करते हैं। अधिकतर उपभोक्ता ऐसे रहे हैं जिनकी या तो नौकरी चली गई या फिर वह पटना से बाहर कहीं फंस गए थे। माना जा रहा है इस कारण से ही बड़ा बकाया हुआ है।
बकाया हो जाता है बड़ा बोझ
बिजली बिल का बकाया तेजी से बढ़ता है। एक बार जब बिल जमा नहीं होता है तो आगे वह तेजी से बढ़ता है। अधिकारियों का मानना है कि इसी कारण से ही बकाया बढ़ा है जिसे अब जमा कराने को लेकर प्रयास किया जा रहा है। रिकवरी को लेकर कनेक्शन तक काटे जा रहे हैं।
सरकारी विभागों बड़ा बकाया
साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी से जुड़े अधिकारियों की मानें तो प्रदेश में सबसे बड़ा बकाया सरकारी विभागों का है। पुलिस कार्यालय और थानों के साथ डीएम कार्यालयों का भी बकाया है। कई सरकारी विभाग हैं जो लंबे बकाए के बाद भी पैसा नहीं जमा कर रहे हैं। पटना में ऐसे विभागों की संख्या प्रदेश में सबसे अधिक है। इसके साथ कमर्शियल कनेक्शनों पर भी 30 प्रतिशत से अधिक बकाया है। घरेलू उपभोक्ताओं का बकाया 50 प्रतिशत से अधिक हो गया। इसमें सबसे अधिक बढ़ोतरी लॉकडाउन के दौरान हुई है।
रिकवरी को लेकर हर दिन बैठक
बकाया बिलों की रिकवरी को साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के अधिकारियों की हर दिन बैठक चल रही है। इसके लिए छापेमारी दल को एक्टिव किया गया है जो प्रदेश के अलग-अलग जिलों में टीम बनाकर छापेमारी कर रहे हैं। कनेक्शन काटने का काम भी पटना में चल रहा है। प्रदेश के अन्य जिलों में भी सिक्योरिटी से अधिक धनराशि के बकाया पर कनेक्शन काटने के लिए छापेमारी की जा रही है। ऐसे उपभोक्ताओं पर वैधानिक कार्रवाई भी की जा रही है।