Patna:बिहार ने एक बार फिर नीतीश कुमार पर ही भरोसा जताया है। अबकी लड़ाई बड़ी और कड़ी थी, मगर कांटे की टक्कर में जीत आखिरकार राजग की हुई। जनादेश ने फिर सत्यापित कर दिया कि आम आवाम में विकास की ललक अभी कमजोर नहीं पड़ी है।
प्रदेश के साढ़े सात करोड़ मतदाताओं ने लगातार चौथी बार भी नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही भरोसा जताया और राजग की झोली में विधानसभा की 243 में से 125 सीटें डाल दीं। इससे यह भी साबित हो गया कि बहुमत के दिल में राजग के प्रति भरोसा अभी कायम है और झंझावात में भी नीतीश कुमार के विकास फार्मूले में खरोंच तक नहीं आई। यह भी कि 15 वर्ष पहले प्रदेश की तरक्की के लिए बना रोडमैप अभी भी पूरी तरह प्रासंगिक है।
संसदीय चुनाव का प्रदर्शन नहीं दोहरा पाया एनडीए
संसदीय चुनाव के महज डेढ़ वर्ष बाद भाजपा-जदयू की लगातार और शानदार जीत से महागठबंधन को जरूर सदमा लगा होगा, क्योंकि तीन दिन पहले एक्जिट पोल के अनुमान के सहारे सत्ता में वापसी के उनके अरमान पर पानी फिर गया है। तेजस्वी यादव के दस लाख नौकरियों, पुरानी पेंशन योजना और समान काम के बदले समान वेतन के वादे पर बहुमत ने यकीन नहीं किया और नीतीश कुमार के वादों-इरादों के साथ वास्तविक धरातल पर ही खड़ा रहा।
विधानसभा की स्थिति
कुल सीटें : 243
बहुमत के लिए चाहिए : 122
किसके पास कितनी सीटें
भाजपा : 74
जदयू : 43
हम : 4
वीआइपी : 4
कुल : 125
महागठबंधन
राजद : 75
कांग्रेस : 19
भाकपा : 2
माकपा : 2
माले : 12
कुल : 110
अन्य : 8