Desk: बिहार में IAS-IPS का प्रोमोशन हो रहा था, नई पोस्टिंग भी तय थी। लेकिन, राज्य की नीतीश कुमार सरकार ने प्रशासन के साथ पुलिस महकमे में ट्रांसफर पर खूब माथापच्ची की। चुनाव के बाद बाइक लूट से मॉब लिंचिंग तक की घटनाओं से सरकार की किरकिरी के कारण IPS महकमे में एक दर्जन जिलों में सीधा और बड़ा बदलाव किया गया है। तीन जिलों में DM के साथ पुलिस कप्तान को भी बदल दिया गया। छपरा में DIG और SP, दोनों नए दिए गए हैं। इन तबादलों पर पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने सवाल भी खड़े किए। इसलिए, भास्कर बता रहा है तबादलों के पीछे की पूरी हकीकत।
अपराध के ट्रेंड मुताबिक किए गए ट्रांसफर
बिहार में चुनाव के बाद से हर तरह का अपराध बढ़ता दिखा। हत्याओं के साथ अपहरण, रेप की घटनाएं तो सामने आई हीं, वर्षों से कम नजर आने वाली बाइक लूट और लूट के दौरान हत्या तक की घटनाएं भी हुईं। पुलिस पर भरोसा नहीं करते हुए दो साल पहले की तरह एक बार फिर आम लोगों ने कानून हाथ में लेकर मॉब लिंचिंग की कई घटनाओं को अंजाम दिया। सरकार खुद इन परिस्थितियों से परेशान थी और विपक्ष भी लगातार हमलावर था, जिसके कारण प्रभारी से स्थायी हुए DGP संजीव कुमार सिंघल को मुख्यमंत्री की ओर से हर तरह की सख्ती के लिए ताकीद की गई थी। मुख्यमंत्री ने दो बार खुद बैठक की और एक बार तो पुलिस मुख्यालय ही पहुंच गए। इसके बावजूद पुलिस का इकबाल बुलंद नहीं होता देख गृह विभाग की ओर से 2020 की अंतिम रात व्यापक बदलाव से कड़ा संदेश दिया गया। कहा जा रहा है कि मुख्यालय स्तर पर बड़े बदलाव के साथ जिलों में अपराध के ट्रेंड के हिसाब से उससे निपटने में सक्षम पुलिस कप्तान दिए गए हैं।
भागलपुर, गोपालगंज, कैमूर में पुलिस कप्तान के साथ DM भी बदले
पिछले कुछ दिनों से मुख्यालय स्तर पर कई तरह की सूचनाओं के मद्देनजर भागलपुर, गोपालगंज और कैमूर में सरकार ने पूरा सेटअप ही बदल डाला है। भागलपुर के SSP और DM को बदला गया, जबकि टाउन SP का पद भी फिलहाल खाली कर दिया गया। यहां के टाउन SP को नवगछिया पुलिस जिला की कमान दी गई। नवगछिया वैसे भागलपुर जिले का ही हिस्सा है। छपरा में नए SP की भी तैनाती की गई है और यहां मुंगेर के DIG मनु महाराज को भी ट्रांसफर किया गया है।
मुख्यालय के बड़े बदलाव में भाजपा हावी
पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने 2020 की अंतिम रात राज्य में व्यापक पैमाने पर हुए तबादले में भाजपा को प्रभावी कहा है। पूर्व मुख्यमंत्री का यह कहना काफी हद तक सही भी है, क्योंकि नीतीश की गुड-बुक में शामिल चार IAS अधिकारियों के कामकाज में बड़ा बदलाव हुआ है। दूसरी तरफ, चार ऐसे IPS को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है, जिन्हें मुख्यमंत्री नहीं चाहते हैं। नीतीश-शासन में हल्की बातों पर भी बड़ी जिम्मेदारी से हटाए गए ऐसे कुछ IPS को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री ने यह बयान दिया है। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष RCP सिंह की बेटी IPS लिपि सिंह को भी सहरसा की जिम्मेदारी दी गई है।
आधा बिहार होगा सीधे-सीधे प्रभावित
नए साल के पहले दिन से आधे बिहार पर IPS ट्रांसफर-पोस्टिंग का सीधा असर पड़ेगा, जबकि पूरे राज्य पर IAS तबादले का असर दिखेगा। पूर्णिया, छपरा, सहरसा, रोहतास, भागलपुर, नवादा, नालंदा, रोहतास, कैमूर, गोपालगंज, शेखपुरा और शिवहर जिले के साथ नवगछिया पुलिस जिला के SP की नई नियुक्ति से राज्य की नीतीश कुमार सरकार ने पुलिस महकमे को कड़ा संदेश दिया है। इन तबादलों के पीछे कई अधिकारियों की प्रोन्नति की बात भले ही कही जा रही है, लेकिन पिछले दिनों CM नीतीश कुमार का पुलिस मुख्यालय पहुंचकर दिया संदेश इस तबादलों में साफ नजर आ रहा है। इसके अलावा भाजपा-जदयू, दोनों का प्रभाव भी इस तबादलों में दिख रहा है जो नीतीश कुमार सरकार के पिछले कार्यकाल में नहीं दिखता था।