Desk: बिहार की शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार जैसे मानों एक सपना सा हो गया हैं. आलम ये हैं कि सरकार अब अपनी गलतियों को छुपा भी नहीं पा रहीं. दरअसल बिहार स्वास्थ्य व्यवस्था की एक बड़ी गलती सामने आई हैं. जहां विभाग ने एक मृत व्यक्ति को सिविल सर्जन के रुप में पदस्थापित कर दिया.
आपको बता दें कि बिहार में 17 चिकित्सा पदाधिकारियों का स्वास्थ्य व्यवस्था ने तबादला किया था. इस में भोजपुर के रहने वाले रामनारायण राम के निर्धन के बाद भी स्वास्थ्य व्यवस्था ने उन्हें शेखपुरा का सिविल सर्जन बना दिया. दरअसल विभाग के संज्ञान में ये बात आई ही नहीं थी कि फरवरी के महीने में कोरोना के कारण रामनारायण राम का निर्धन हो गया था.
तो वहीं इस मामले का पता लगते ही विपक्षी दलों के विधायकों ने इस बात को सदन मे उठाया. साथ ही इसको लेकर NDA सरकार की जमकर क्लास लगाई. उधर इस मामले पर अपना बचाव करते हुए स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि सिविल सर्जन पर पदस्थापित होने के लिए एक पूरा प्रकरण होता हैं. जब ये प्रकरण चल रहा था तब रामनारायण राम जी जींदा थे लेकिन अब जब वे नहीं रहे हैं तो उनके जगह पर किसी और को बनाया जाएगा.
ऐसे में इस तरह के मामले सरकार की नियत पर कई बड़े सवाल खड़े करते हैं कि क्या सरकार सच में राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार लाना चाहती है या ये बस एक चुनावी जुमले ही हैं.