Desk: बिहार सरकार के अफसरों के पीछे हसीनाएं पड़ी हैं। किसी फाइल की खुफिया जानकारी के लिए ‘हनी ट्रैप’ नहीं हो रहा, बल्कि पोस्टिंग-प्रमोशन और बिना काम किए भी हाजिरी बनवाने के लिए यह खेल चल रहा है। अपने लिए नहीं, दूसरों के लिए। कोई एक केस नहीं, संगठित गिरोह काम कर है इसके लिए। गिरोह में बिहार सरकार के छोटे कर्मी पहला काम करते हैं। अफसरों का मन-मिजाज टटोलना इनका काम रहता है। टारगेट तय होते ही हसीनाएं रंगीन मिजाज अफसर को प्यार के जाल में फांसती हैं। और, सबूत जुटते ही ब्लैकमेल!
ऑडियो-चैट भी हथियार, वीडियो है दिव्यास्त्र
टारगेट अधिकारी के ‘लक्षण’ के हिसाब से किसी बहाने ऐसी हसीनाएं अचानक संपर्क में आती हैं। कभी किसी भीड़ वाले इवेंट में मुलाकात का नाम लेकर, कभी मिस कॉल के जरिए तो कभी किसी काम के नाम पर कॉल के जरिए। सामने आकर कभी नहीं। कॉल से शुरुआत और वीडियो कॉल से खेल करना होता है। जैसे ही अफसर ने रुचि दिखाई कि हसीना ढल जाती है इनके रंग में। जहां जरूरत हो, प्यार बरसाती है। जो अफसर परेशान हो, उससे सहानुभूति दिखाती है। जैसे ही विश्वास कर अफसर कुछ निजता वाली हरकत करे, दूसरा खेल शुरू। कई बार ऑडियो ही हाथ लगता है, लेकिन बड़ा हथियार चैटिंग है। वीडियो बन जाए तो इन्हें ब्लैकमेलिंग के लिए ‘दिव्यास्त्र’ हासिल हो जाता है।
ऐसी जीभ लपलपाई…कि फंस गए अफसर
हनी ट्रैप के इस ट्रेंड का प्रमाण का एक वीडियो भी है। इस वीडियो में एक हसीना ने बिहार सरकार के एक अधिकारी को फांसा है और जैसे ही अधिकारी ने जीभ लपलपाने जैसी हरकत की, उसे रिकॉर्ड कर लिया। इसमें फंसा अधिकारी न तो अपने विभाग में कुछ बता पा रहे हैं और न ही अपने परिवार से मदद ले पा रहे। इनमें ज्यादा अफसर वह हैं, जो परिवार से दूर रह रहे हैं। उन्होंने नाम जाहिर नहीं करने की गुहार लगाते हुए मदद भी मांगी और यह भी बताया कि कई अधिकारी कैसे-कैसे इसमें फंसे।
सोशल मीडिया पर वीडियो डाल लिंक भेज रहीं
चैट का स्क्रीनशॉट, रिकॉर्डेड ऑडियो और वीडियो अधिकारी को वापस भेजकर ब्लैकमेल के लिए इस्तेमाल हो ही रहा है, इंटरनेट पर भी इसे डाला जा रहा है। जानकारी के अनुसार बेहद आपत्तिजनक कई हरकतों की रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया पर डालकर इसे पासवर्ड से लॉक रखा गया है और मांग नहीं मानने पर इसे पब्लिक के लिए ओपन करने की धमकियां दी जा रही हैं। सोशल मीडिया पर लोड वीडियो के डिलीट होने का खतरा नहीं रहता है और लिंक के कारण केस में फंसने का डर भी कम रहता है।
सबसे ज्यादा फंसे पशुपालन के अधिकारी
इस पूरे मामले की बड़े स्तर पर जांच होगी तो चारा घोटाले से चर्चा में रहे बिहार के पशुपालन विभाग के सबसे ज्यादा अफसर इस ट्रैप के शिकार मिलेंगे। पशुपालन विभाग के कई अधिकारियों को ब्लैकमेल किया जा रहा है। छेड़खानी से बलात्कार तक के केस में फंसाने की धमकी दी जा रही है। आला अफसरों और परिवार वालों के नंबर पर वीडियो भेजने की धमकी दी जा रही। यह भी सामने आ रहा है कि इन धमकियों के नाम पर कई मांगों को माना भी जा रहा है।