Patna:बिहार में NDA गठबंधन ने 125 सीटों पर जीत दर्ज कर एक बार फिर से सत्ता पर हक जमा लिया है. वादे के मुताबिक नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ही राज्य के मुख्यमंत्री होंगे. गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने नीतीश को जीत की बधाई दे दी है. लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो इस बार नीतीश के लिए रास्ते आसान नहीं है. आने वाले दिनों में उन्हें साइडलाइन भी किया जा सकता है. कहा जा रहा है कि छह महीने बाद नीतीश पर तलवार लटक सकती है. बीजेपी के कई नेता उनके खिलाफ आवाज़ उठा सकते हैं.
नीतीश को घेरने की तैयारी!
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने बीजेपी के कुछ नेताओं के हवाले से दावा किया है कि नीतीश कुमार को सीएम बनाने का ऐलान पहले ही कर दिया गया था, ऐसे में उन्हें सत्ता फिलहाल सौंप दी जाएगी. लेकिन पार्टी अपने विकल्प खुली रखेगी. अगले छह महीने बाद पार्टी अपने फैसले पर फिर से विचार कर सकती है. अखबार से बातचीत करते हुए बीजेपी के नेता संजय पासवान ने कहा, ‘ये बीजेपी और नरेंद्र मोदी की जीत है. लेकिन वादे के मुताबिक हमलोग सीएम की कुर्सी नीतीश कुमार को दे रहे हैं. अब ये उनकी नैतिकता पर निर्भर करता है कि वो क्या करते हैं.’
बीजेपी का दबदबा
इस बार राज्य में बीजेपी बड़े भाई के तौर पर उभरी है. बीजेपी को कुल 74 सीटों पर जीत मिली है. जबकि JDU के खाते में सिर्फ 43 सीटें आई है. पिछली बार के मुकाबले उन्हें 28 सीटों का नुकसान हुआ है. जबकि बीजेपी को 21 सीटों का फायदा हुआ है. ऐसे में माना जा रहा है कि नीतीश कुमार सीएम तो बन जाएंगे. लेकिन सत्ता पर बीजेपी की पकड़ ज्यादा मजबूत रहेगी. कैबिनेट में भी उन्हें ज्यादा सीटें मिल सकती है.
घट रही है नीतीश की लोकप्रियता?
आकड़ों पर नजर डालें तो पिछले 15 साल में नीतीश की पार्टी का ये सबसे खराब प्रदर्शन है.ऐसा लग रहा है कि पहली बार मार्च 2000 में बिहार की गद्दी संभालने वाले नीतीश कुमार की लोकप्रियता अब घटने लगी है. लिहाजा उनकी पार्टी की पकड़ जनता के बीच कमज़ोर होती दिख रही है. आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2005 के फरवरी में हुए चुनाव में नीतीश की पार्टी को 55 सीटों पर जीत मिली थी. उसके बाद हर चुनाव में उनकी सीटों की संख्या बढ़ी है. लेकिन इस बार उकी पार्टी 43सीटों पर अटक गई.