बिहार में 50% हेल्थ वर्कर नहीं ले रहे वैक्सीन, धीमी रफ्तार को लेकर सबसे बड़ी गड़बड़ी COVIN पोर्टल की

बिहार में 50% हेल्थ वर्कर नहीं ले रहे वैक्सीन, धीमी रफ्तार को लेकर सबसे बड़ी गड़बड़ी COVIN पोर्टल की

Desk: बिहार में 50 प्रतिशत हेल्थ वर्कर सूची में नाम आने के बाद भी वैक्सीन नहीं ले रहे हैं। मोबाइल पर मैसेज आने के बाद भी वह कोई न कोई बहाना कर भाग जा रहे हैं। इस कारण से प्रदेश में वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी पड़ गई है। आंकड़ा 50 से 55 प्रतिशत के अंदर ही सिमट जा रहा है। 16 जनवरी को पहले दिन के बाद आंकड़ा 55 प्रतिशत के पार नहीं गया है। गुरुवार को भी यही हाल रहा। सेशन साइट बढ़ाकर 311 कर दी गई लेकिन इसके बाद भी वैक्सीनेशन का आंकड़ा 54.4 प्रतिशत ही रहा।

16 जनवरी से अब तक बिहार में 2050 साइट पर वैक्सीनेशन कराया गया है। इसमें 10250 हेल्थ वर्करोें को वैक्सीनेटर के रूप में लगाया गया। लेकिन, वैक्सीन लेने वालों की संख्या मात्र 106025 ही रही है। धीमी पड़ी रफ्तार को लेकर सबसे बड़ी गड़बड़ी कोविन पोर्टल की है, जिसके कारण मैसेज भेजने में समस्या आ रही है। समय से लोगों को सूचना नहीं मिल पा रही है, हॉस्पिटल को भी सूची देर से मिल रही है। पटना की सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी का कहना है कि हेल्थ वर्करों को जागरुक किया जा रहा है, जिससे वह वैक्सीनेशन के लिए आगे आएं।

पटना में 41722 हेल्थ वर्करों का रजिस्ट्रेशन

पटना में अब तक 41722 हेल्थ वर्करों का रजिस्ट्रेशन हुआ है लेकिन अब तक 5500 का वैक्सीनेशन हुआ है। हेल्थ वर्करों की संख्या बढ़ने के कारण अब वैक्सीनेशन का सेंटर भी बढ़ाया जा रहा है। इसके लिए गुरुवार को 32 अस्पतालों में वैक्सीनेशन कराया गया है।

मात्र 3089 को ही दी गई को-वैक्सीन

स्वस्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक अबतक पूरे बिहार में 3089 हेल्थ वर्करों को को-वैक्सीन की डोज दी गई है। वहीं कोविशील्ड की पहली डोज 102936 हेल्थ वर्करों को दी गई है।

WHO के 50 अधिकारियों कर्मियों ने कराया वैक्सीनेशन

गर्दनीबाग में गुरुवार को WHO के अधिकारियों और कर्मचारियों ने गर्दनीबाग में वैक्सीनेशन कराया है। WHO रिजनल कार्यालय पटना के प्रशासनिक सहायक पंकज कुमार गुप्ता ने बताया कि गर्दनीबाग में विशेष वैक्सीनेशन शिविर में WHO के 50 लोगों ने वैक्सीनेशन कराया है। उन्होंने कहा कि हेल्थ वर्करों को इसमें आगे आना चाहिए। कोरोना को मात देने के लिए ऐसा करना होगा। WHO पटना के सर्विलांस मेडिकल ऑफिसर ने भी हेल्थ वर्करों को वैक्सीनेशन के लिए आगे आने को कहा। प्रशासनिक सहायक संजीव प्रकाश ने बताया कि WHO के कर्मी वैक्सीन लेने के लिए आगे आए जिससे हेल्थ वर्कर अधिक से अधिक संख्या में वैक्सीनेशन कराएं।

सिविल सर्जन और IGIMS के निदेशक ने भी ली वैक्सीन

सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी ने गुरुवार को गर्दनीबाग में पहला वैक्सीनेशन कराया। इसके बाद पटना के जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. एसपी विनायक ने भी वैक्सीन ली है। IGIMS के निदेशक डॉ. एन आर विश्वास ने भी गुरुवार के सेशन में IGIMS में वैक्सीनेशन कराया है। IGIMS के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि वह एक माह तक जुलाई माह में कोरोना पॉजिटिव रहे और पटना AIIMS के ICU में भर्ती थे। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए उन्होंने गुरुवार को वैक्सीन ली है। IGIMS के निदेशक डॉ एन आर विश्वास ने हेल्थ वर्करों से अपील की है कि वह अधिक से अधिक वैक्सीनेशन कराएं।

टारगेट पूरा करने के लिए बहुत जल्द आम हो जाएगी वैक्सीन

टारगेट पूरा करने के लिए बहुत जल्द वैक्सीन को आम कर दिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग की तैयारी जिस तरह से चल रही है, इससे लग रहा है कि आने वाले दिनों में बिहार के सभी टीकाकरण वाले सेंटरों पर वैक्सीनेशन होगा। पटना में हेल्थ वर्करों का रजिस्ट्रेशन बढ़ रहा है। दूसरे चरण के लिए फ्रंट लाइन वर्करों का भी 70 हजार रजिस्ट्रेशन हो गया है। पटना में सभी प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के साथ उन सभी सेंटरों पर वैक्सीनेशन की तैयारी चल रही है जहां टीकाकरण की व्यवस्था है। पटना के प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ एसपी विनायक का कहना है कि रजिस्ट्रेशन इधर काफी बढ़ गया है जिस कारण से सेंटरों की संख्या बढ़ाई जा रही है। आने वाले दिनों में सभी सरकारी अस्पतालों पर टीकाकरण होगा।

फिर लागू होगा पुराना नियम

पटना में फिर पुराना नियम लागू किया जाएगा। पूर्व में जिस तरह से सप्ताह में 4 दिन वैक्सीनेशन होता था, उसी तरह से वैक्सीनेशन किया जाएगा। पटना के प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. एसपी विनायक का कहना है कि वैक्सीनेशन का दिन मंगलवार और शनिवार कर दिया गया था लेकिन अब इसे सप्ताह में चार दिन फिर से किया जाएगा। इसके लिए तैयारी की जा रही है। वहीं मेडिकल कॉलेजों में वैक्सीनेशन को हर दिन किए जाने को लेकर भी तैयारी है। तैयारी है कि सिर्फ छुट्‌टी के दिन को छोड़कर सभी दिन मेडिकल कॉलेज और प्राइवेट अस्पताल में वैक्सीनेशन का काम कराया जाए। इससे तेजी से टारगेट पूरा होगा और फिर दूसरा तीसरा चरण भी जल्द शुरु किया जा सकेगा।

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