Patna: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दलों ने एक कोर कमेटी टीम बना ली है, जिसके उपर चुनावी नैया पार लगाने की जिम्मेदारी दी गई है. अगर सत्ताधारी दल की बात करें तो NDA की प्रमुख घटक दल JDU के अध्यक्ष व CM नीतीश ने भी पार्टी की चुनावी जिम्मेदारी अपने छह खास सहयोगियों को सौंपी है . CM नीतीश के वह छह खास चुनावी रणनीतिकार है.
वशिष्ठ नारायण सिंह
जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं के लिए दादा हैं . वे जेडीयू के छोटे-बड़े नेताओं व कार्यकर्ताओं तथा नीतीश कुमार के बीच कड़ी (Link) हैं . बताया जाता है कि जेडीयू के जो नेता-कार्यकर्ता मुलाकात कर नीतीश कुमार तक अपनी बात नहीं पहुंचा पाते, वे वशिष्ठ नारायण सिंह के माध्यम से ही अपनी बात पहुंचाते हैं .
आरसीपी सिंह
राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह के पास बतौर नौकशाह लंबा प्रशासनिक अनुभव भी है . चुनाव के लिए प्रत्याशियों के चुनाव से लेकर सहयोगी दलों से बातचीत तक में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है . उन्हें जेडीयू का जमीनी नेता (Grund Level Leader) माना जाता है .
ललन सिंह
नीतीश कुमार के आंख-कान माने जाने वाले ललन सिंह मुंगेर से सांसद हैं . राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू यादव यादव (Lalu Prasad Yadav) को चारा घोटाला (Fodder Scam) की लपेट में लेकर बिहार की राजनीति से दूर कर नीतीश कुमार का मार्ग सरल करने में उनकी बड़ी भूमिका मानी जाती है . ललन सिंह को गंभीर नेता माना जाता है . विधानसभा चुनाव को लेकर नेताओं से जोड़-तोड़ व सीट शेयरिंग (Seat Sharing) को लेकर सहयोगी दलों से बात में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है .
विजय चौधरी
विजय चौधरी बिहार विधानसभा के अध्यक्ष हैं . बताया जाता है कि वे पर्दे के पीछे रहते हुए नीतीश कुमार के चुनावी रणनीतिकार हैं . माना जाता है कि जीतनराम मांझी (Jitanram Manjhi) को जेडीयू से जोड़ने में उनकी बड़ी भूमिका रही . जेडीयू के प्रत्याशी चयन में उनकी अहम भूमिका है
अशोक चौधरी
अशोक चौधरी जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए हैं . वे पार्टी के दलित चेहरा (Dalit Face) भी हैं . वे कुशल रणनीतिकार तथा सांगठनिक क्षमता में बेजोड़ माने जाते हैं . उन्हें नीतीश कुमार का बेहद करीबी माना जाता है .
संजय झा
संजय झा की दिल्ली की राजनीति पर मजबूत पकड़ रही है . वे दिल्ली में पार्टी के हितों को देखते हैं . जेडीयू को महागठबंधन (Mahagathbandhan) से अलग कराने तथा फिर एनडीए में बीजेपी के साथ करने में उनकी बड़ी भूमिका रही थी . सोशल मीडिया में पार्टी और सरकार की मजबूती की जिम्मेदारी संजय झा की ही है . विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पार्टी की वर्चुअल रैली को सफल बनाने का श्रेय उन्हें ही जाता है . उन्हें भी नीतीश कुमार का करीबी माना जाता है.