Patna:एनडीए और महागठबंधन के बीच पहले चरण के मतदान से ही अस्तित्व बचाने की लड़ाई शुरू हो जाएगी। बांका, भागलपुर, पटना, मंगेर, जमुई, लखीसराय, शेखपुरा, नवादा, गया, जहानाबाद, अरवल, भोजपुर, औरंगाबाद, बक्सर, रोहतास एवं कैमूर जिलों की 71 सीटों पर 28 अक्टूबर को मतदान होना है। 2010 में एनडीए के घटक के तौर पर भाजपा और जदयू साथ लड़े थे। राजद, कांग्रेस और लोजपा का गठबंधन था। 2015 में गठबंधन बदल गया।
वोट ट्रांसफर कराने की क्षमता की भी परख
भाजपा से अलग होकर जदयू राजद से मिल गया। कांग्रेस भी महागठबंधन के नाम से बने मोर्चे से जुड़ी। जबकि लोजपा ने एनडीए का साथ दिया। जदयू से अलग होकर पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी भी एनडीए के अंग बन गए। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी भी एनडीए का हिस्सा बना। लेकिन, महागठबंधन की बढ़त को ये दल रोक नहीं पाए। परख यह भी होगी कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद में से वोट ट्रांसफर कराने की क्षमता किनमें अधिक है।
243 कुल विधानसभा सीटें हैं बिहार में
03 चरण में होगा बिहार विधानसभा चुनाव
28 अक्टूबर को होगा पहले चरण का मतदान
03 नवंबर को होगा दूसरे चरण का मतदान
07 नवंबर को होगा तीसरे चरण का मतदान
10 नवंबर को होगी वोटों की गिनती
एनडीए के लिए सवाल कि क्या छू पाएगा 61 का आंकड़ा?
अब 2020 में नया समीकरण बन गया है तो एनडीए के सामने 2010 और महागठबंधन के सामने 2015 के परिणाम को बनाए रखने की चुनौती पैदा हो गई है। 2010 में इन 71 में से जदयू की 39 और भाजपा की 22 सीटों पर जीत हुई थी। यानी राजद, कांग्रेस और अन्य दलों के लिए सिर्फ 10 सीटें बची थीं। एनडीए के लिए यह सवाल है कि क्या वह 61 के आंकड़े को छू पाएगा।
2015 में पलट गया था परिणाम
2015 में परिणाम पलट गया था। जदयू 21 सीट गंवाकर 18 पर जीत हासिल कर पाया। जबकि राजद का ग्राफ पांच से बढ़कर 27 पर पहुंच गया। भाजपा 22 से घटकर 13 पर आ गई। कांग्रेस का आंकड़ा भी एक से नौ पर पहुंच गया। एनडीए के घटक के तौर पर हिन्दुस्तानी अवामी मोर्चा और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी को एक-एक सीट पर कामयाबी मिली। निर्दलीय और भाकपा माले को भी एक-एक सीट का लाभ मिला।
तीन चरणों में होगा चुनाव
बिहार में हो रहा कोरोना काल का पहला चुनाव तीन चरणों में होगा। 28 अक्टूबर, तीन नवंबर तथा सात नवंबर को वोड डाले जाएंगे। 10 नवंबर को परिणामों की घोषणा कर दी जाएगी।