Patna: देश के पहले रेल इंजन कारखाना जमालपुर के दिन अब बहुरने वाले हैं। इलेक्ट्रिक शेड चालू हो जाने से इसकी खोई गरिमा फिर से वापस लौट आएगी। जमालपुर रेल कारखाना में इलेक्ट्रिक शेड के साथ-साथ मेमू (इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट) रैक का मेंटेनेंस होगा। अभी पूर्व रेलवे में मेमू रैक का रखरखाव पश्चिम बंगाल के लिलुआ रेल कारखाना सियालदह में होता है।
जमालपुर में इलेक्ट्रिक शेड चालू होने के बाद मेमू के मेंटेनेंस का कार्य जमालपुर में ही होगा। मुंगेर सांसद राजीव रंजन ङ्क्षसह उर्फ ललन ङ्क्षसह ने रेलमंत्री पीयूष गोयल से कारखाना की खोई गरिमा को फिर से पुनर्जीवित करने के लिए पिछले दिनों मुलाकात की थी। इसमें रेल मंत्री ने जमालपुर वर्कशॉप में इलेक्ट्रिक शेड के साथ साथ मरम्मत का कार्य शुरू कराने की बात कही थी।
पहला यूनिट होगा प्रदेश का
अभी मालदा रेल मंडल में एक्सप्रेस ट्रेन का परिचालन इलेक्ट्रिक इंजन से हो रहा है। दो जोड़ी मेमू रैक का परिचालन भी हो रहा है। हर रेल सेक्शन का विद्युतीकरण कर देने के बाद इलेक्ट्रिक शेड की कमी महसूस हो रही थी। इस पर रेलवे ने मंथन शुरू कर दिया है। बिहार में इलेक्ट्रिक इंजन का मरम्मत कहीं नहीं होता है। ऐसे में जमालपुर रेल कारखाना में शुरू होने वाले इलेक्ट्रिक शेड में पूर्व मध्य रेलवे की ट्रेन का रखरखाव जमालपुर में होगा।
कभी विदेशों तक सुनाई देती थी जमालपुर कारखाना की धमक
जमालपुर रेल कारखाना का दबदबा देश के अलावा विदेशों तक था। यहां बनने वाले हाइड्रोलिक क्रेन और जैक का डिमांड जर्मनी में भी था। बदलते समय के साथ साथ कारखाने का वजूद भी समाप्त होने लगा। जमालपुर कारखाना को उपेक्षा का रोग लग गया था। धीरे धीरे कर्मियों की संख्या कम होने लगी। वैगन तैयार होने का डिमांड नहीं आने लगा। कारखाना का अस्तित्व खोता हुआ देख मुंगेर सांसद ने लोकसभा सत्र के दौरान पुरजोर तरीके से इस मुद्दे को उठाया था। इसके बाद रेल मंत्रालय ने इस दिशा में सकारात्मक पहल शुरू कर दिया है।